पीएम मोदी आज शाहजहांपुर में करेंगे गंगा एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास ,यूपी को मिला सबसे लम्बे एक्सप्रेस-वे का तोहफा

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पीएम नरेंद्र मोदी आज शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेस-वे(Ganga Expressway) का शिलान्यास करेंगे. इसकी पूरी तैयारियां हो गई हैं. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. प्रधानमंत्री रोजा रेलवे ग्राउंड में चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे. पीएम के मंच के पीछे रेत का एक मॉडल भी बनाया गया है, जिसमें यह दर्शाया गया है कि यह एक्सप्रेस-वे कैसे 12 जिलों को जोड़ेगा.

प्रधानमंत्री आज यानि 18 दिसम्बर, 2021 को जनपद शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना का शिलान्यास करगे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शिलान्यास कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे. गंगा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. आधे से अधिक एक्सप्रेस-वे पश्चिमी यूपी के जिलों से होकर गुजर रहा है. यह गंगा एक्सप्रेसवे जनपद मेरठ से शुरू होकर जनपद हापुड़,बुलन्दशहर,अमरोहा सम्भल, बदायू  शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव,रायबरेली, प्रतापगढ़ से  गुजरते हुए जनपद प्रयागराज को जोड़ेगा, आपातकालीन स्थिति में भारतीय वायु सेना के विमानों की लैण्डिंग/टेक ऑफ के लिए जनपद शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेस-वे पर 3.5 किलो मीटर लम्बी हवाई पट्टी का निर्माण भी किया जायेगा।

गौरतलब है कि योगी सरकार ने पिछले साल 26 नवंबर को गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना की स्वीकृति दी थी. प्रस्तावित एक्सप्रेसवे की लम्बाई 594 किलो मीटर लम्बे गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण का  निर्णय लिया है और  परियोजना की कुल लागत 36,230 करोड़ रु0 से की लागत से बना है.एक्सप्रेसवे निर्माण से अत्याधिक क्षेत्रों को सामाजिक एवं आर्थिक विकास के साथ ही कृषि, वाणिज्य, पर्यटन तथा उद्योग सम्बन्धी गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा.

गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण पूर्ण होने के साथ ही यह एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश का सबसे लम्बा एक्सप्रेसवे भी बन जाएगा। प्रवेश नियंत्रित गंगा एक्सप्रेसवे -वे, मेरठ-बुलन्दशहर मार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-334) पर जनपद मेरठ के बिजौली ग्राम के समीप से प्रारम्भ होगा एवं प्रयागराज बाइपास (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-19) पर जनपद प्रयागराज के जुडापुर दाँदू ग्राम के समीप समाप्त होगा। यह एक्सप्रेस-वे 06 लेन चौड़ा होगा  जिसका भविष्य में 08 लेन तक विस्तार किया जा सकेगा। इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत 36,230 करोड़ रूपये है।

गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना हेतु अब तक लगभग 94 प्रतिशत भूमि का क्रय/पुनर्ग्रहण किया जा चुका है। कोविड काल के बावजूद रिकॉर्ड 4 माह के अंदर 90 प्रतिशत से अधिक भूमि क्रय की गई थी। इसको अतिरिक्त परियोजना के निर्माण हेतु पी0पी0पी0 (टोल) मोड पर डिजाइन, बिल्ड, फाइनेन्स, ऑपरेट एवं ट्रान्सफर (डी0बी0एफ0ओ0टी0) पद्धति पर 03 निवेशकों से बिड प्राप्त हुई हैं, जिनको अन्तिमीकरण की प्रक्रिया गतिमान है। गंगा एक्सप्रेस वे से सामाजिक और आर्थिक विकास के साथ कृषि, वाणिज्य, पर्यटन और उद्योगों की आय को बढ़ावा मिलेगा. इसके अलावा विभिन्न उत्पादन ईकाईयों, विकास केंद्रों और कृषि उत्पादन क्षेत्रों को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने के लिए एक औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में सहायक होगा. एक्सप्रेस वे खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों, भंडार गृह, मंडी और दुग्ध आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा.