प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 21 अक्टूबर 2022 को उत्तराखंड का दौरा करेंगे। वह सुबह करीब 8:30 बजे श्री केदारनाथ मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे। प्रधानमंत्री सुबह करीब नौ बजे केदारनाथ रोपवे परियोजना की आधारशिला रखेंगे। इसके बाद वह आदिगुरु शंकराचार्य के समाधि स्थल के दर्शन करेंगे। सुबह करीब 9:25 बजे प्रधानमंत्री मंदाकिनी आस्था पथ और सरस्वती आस्था पथ के साथ-साथ वहां चल रहे विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा करेंगे।
प्रधानमंत्री गौरीकुंड को केदारनाथ और गोविंदघाट को हेमकुंड साहिब से जोड़ने वाली दो नई रोपवे परियोजनाओं की रखेंगे आधारशिला
इसके बाद, प्रधानमंत्री बद्रीनाथ पहुंचेंगे, जहां करीब 11:30 बजे वह बद्रीनाथ मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे। दोपहर 12 बजे वह रिवरफ्रंट के विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा करेंगे। दोपहर 12:30 बजे माणा गांव में सड़क और रोपवे परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। इसके बाद दोपहर करीब 2 बजे वह अराइवल यानी आगमन प्लाजा और झीलों के विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा करें।
गौरीकुंड से केदारनाथ रोपवे यात्रा समय को 6-7 घंटे से घटाकर केवल 30 मिनट का कर देगा
केदारनाथ रोपवे लगभग 9.7 किलोमीटर लंबा होगा। यह गौरीकुंड को केदारनाथ से जोड़ेगा, जिससे दोनों स्थानों के बीच यात्रा का समय वर्तमान में 6-7 घंटे से कम होकर लगभग 30 मिनट का रह जाएगा। हेमकुंड रोपवे गोविंदघाट को हेमकुंड साहिब से जोड़ेगा। यह लगभग 12.4 किलोमीटर लंबा होगा और यात्रा समय को एक दिन से कम करके केवल 45 मिनट तक सीमित कर देगा। यह रोपवे घांघरिया को भी जोड़ेगा, जो फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान का प्रवेश द्वार है।
ये परियोजनाएं इस क्षेत्र में संपर्क और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देंगी
इस रोपवे को लगभग 2430 करोड़ रुपये की संचयी लागत से विकसित किया जाएगा। यह परिवहन का एक पर्यावरण अनुकूल साधन होगा, जो आवागमन को सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करेगा। इस अहम बुनियादी ढांचे का विकास धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा, जिससे क्षेत्र में आर्थिक विकास को रफ्तार मिलेगी और साथ ही साथ रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे।
प्रधानमंत्री हर मौसम में सीमा सड़क संपर्क बढ़ाने के लिए लगभग 1000 करोड़ रुपये की सड़क चौड़ीकरण परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे
इस यात्रा के दौरान करीब 1000 करोड़ रुपये की सड़क चौड़ीकरण परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया जाएगा। दो सड़क चौड़ीकरण परियोजनाएं – माणा से माणा पास (एनएच – 07) और जोशीमठ से मलारी (एनएच107बी) तक – हमारे सीमावर्ती क्षेत्रों में हर मौसम में सड़क संपर्क प्रदान करने की दिशा में एक और कदम साबित होंगी। कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के अलावा, ये परियोजनाएं रणनीतिक दृष्टि से भी फायदेमंद साबित होंगी।
केदारनाथ और बद्रीनाथ सबसे महत्वपूर्ण हिंदू मंदिरों में से एक हैं। यह क्षेत्र एक श्रद्धा वाले एक सिख तीर्थ स्थल – हेमकुंड साहिब के लिए भी जाना जाता है। इन जगहों पर शुरू हो रही कनेक्टिविटी परियोजनाओं में से धार्मिक महत्व के स्थानों तक पहुंच को आसान बनाने और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।