रिलायंस जियो बना उत्तराखंड समेत ‘उत्तर प्रदेश पश्चिम’ सर्किल का सबसे तेज नेटवर्क- ट्राई

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टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) के हालिया जारी सितंबर माह के आंकड़ों के मुताबिक रिलायंस जियो उत्तराखंड में औसत 4जी डाउनलोड के साथ अपलोड स्पीड में भी नंबर वन बना हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक जियो ने सितंबर महीने में 38.8 एमबीपीएस औसत 4जी डाउनलोड और 8.8 एमबीपीएस अपलोड स्पीड के साथ उत्तर प्रदेश पश्चिम सर्किल में अपनी बढ़त बनाई हुई है। उत्तराखंड समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इलाकों को मिला कर उत्तर प्रदेश पश्चिम सर्किल बनता है।

वहीं दूसरी ओर एयरटेल 12.8 एमबीपीएस , वी आई 10.9 एमबीपीएस और बीएसएनएल 4.5 एमबीपीएस के साथ औसत 4जी डाउनलोड स्पीड के मामले में क्रमशः दूसरे, तीसरे और चौथे स्थान पर हैं। औसत 4जी अपलोड स्पीड के मामले में भी जियो कहीं आगे है। वी आई, एयरटेल को अपलोड स्पीड के मामले में तीसरे स्थान पर धकेल दिया है। वी आई ने एयरटेल और बीएसएनएल क्रमशः 5.6, 5.5 और 4.9 एमबीपीएस के साथ दूसरे,तीसरे और चौथे स्थान पर हैं।

• औसत 4जी डाउनलोड और अपलोड स्पीड में जियो की बादशाहत कायम

हाल ही में जियो ने उत्तर प्रदेश पश्चिम सर्किल में 800 मेगाहर्ट्ज बैंड में अतिरिक्त 5 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम अपने नेटवर्क में सफलता पूर्वक जोड़ा था। टेलीकॉम सेक्टर के जानकारों के मुताबिक रिलायंस जियो की नेटवर्क स्पीड में उछाल का मुख्य कारण यह अतिरिक्त 5 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम है। मौजूदा नेटवर्क में 5 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम और जुड़ जाने से जियो के नेटवर्क को खासी मजबूती मिली है और नेटवर्क प्रतिद्वंदियों से कोसों आगे नजर आ रहा है। अगस्त माह के मुकाबले सितंबर में जियो की औसत 4जी डाउनलोड स्पीड में 13.3 एमबीपीएस और अपलोड में 2.1 एमबीपीएस का उछाल देखने को मिला है।

निकट भविष्य में भी रिलायंस जियो को कोई चुनौती मिलती नजर नही आती क्योंकि रिलायंस जियो, उत्तर प्रदेश पश्चिम समेत सभी 22 टेलीकॉम सर्किलों में प्रीमियम 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में 5G स्पेक्ट्रम खरीदने वाला एकमात्र ऑपरेटर है। इस बैंड को 5G के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। इससे 5G की दौड़ में जियो को शुरुआती बढ़त मिल जाएगी। 700 मेगाहर्ट्ज बैंड पर स्टैंडअलोन 5G नेटवर्क को चलाया जा सकता है। इसे अपनी डेटा ट्रैफिक हैंडलिंग के लिए भी जाना जाता है। दुनिया भर में स्टैंडअलोन 5G के लिए 700 मेगाहर्ट्ज बैंड का इस्तेमाल किया जाता है। यहां तक कि अमेरिका और यूरोपीय यूनियन ने भी इसे 5G सेवा के लिए ‘प्रीमियम बैंड’ घोषित किया हुआ है।