मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में बाहरी और कुछ राजनीतिक एवं असामाजिक तत्व शामिल थे। वहीं आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह और गोपाल राय ने मांग की कि हिंसा को काबू में करने के लिए दंगा प्रभावित इलाकों में सेना तैनात की जाए। मुख्यमंत्री ने दिल्ली विधानसभा में अपने संबोधन में गृह मंत्री अमित शाह से अपील की कि जरूरत पड़े तो दंगा प्रभावित इलाकों में सेना को तैनात किया जाए। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली का आम आदमी हिंसा में संलिप्त नहीं था और कहा कि शवों के ढेर पर आधुनिक दिल्ली का निर्माण नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि हर किसी को नुकसान हुआ है और नफरत एवं हिंसा की राजनीति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बुधवार की शाम को केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कुछ दंगा प्रभावित इलाकों का दौरा किया और स्थानीय लोगों से बातचीत की। केजरीवाल ने सदन में कहा, ‘‘दिल्ली के लोगों के पास दो विकल्प है। एक है कि हम एकजुट हो जाएं और दिल्ली का भविष्य समृद्ध बनाएं और दूसरा विकल्प है कि हिंसा में शामिल हों। आधुनिक दिल्ली का निर्माण शवों के ढेर पर नहीं किया जा सकता है। हमें दिल्ली को अच्छे स्कूलों, अस्पतालों के माध्यम से विकसित शहर बनाना है।’’
उन्होंने जानना चाहा कि इस तरह की घटनाएं क्यों होती हैं और उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई हिस्से में हुई हिंसा में कौन लोग शामिल थे उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली का आम आदमी हिंसा में शामिल नहीं है। कुछ बाहरी लोग, कुछ राजनीतिक तत्व और कुछ असामाजिक तत्व हिंसा में संलिप्त हैं। हिंदू और मुस्लिम नहीं लड़ते और वे शांति से रहना चाहते हैं।’’ आप के वरिष्ठ नेता संजय सिंह और गोपाल राय ने बुधवार को केंद्र से गुहार लगाई कि हालात को काबू में करने के लिए उत्तरपूर्वी दिल्ली के हिंसाग्रस्त इलाकों में वह सेना को तैनात करे। साथ ही पार्टी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से कहा कि वह कार्रवाई करें न कि ‘‘औपचारिकता’’ के लिए बैठकें करें।
आप नेता सिंह ने आरोप लगाया कि एक ओर तो शाह बैठकें कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भाजपा नेता उकसावे वाले बयान दे रहे हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘स्थिति को लेकर गृह मंत्री ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। दूसरी ओर भाजपा नेता कपिल मिश्रा हिंसा भड़का रहे हैं। भाजपा के लक्ष्मी नगर के विधायक अभय वर्मा भी कल भड़काऊ नारे लगाते देखे गए। यह भाजपा के दोहरे चरित्र का उदाहरण है।’’ सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा की महिला शाखा ने सोशल मीडिया पर लिखा कि दिल्ली के लोगों ने ‘‘मुफ्त बिजली और पानी की भारी कीमत’’ चुकाई है। सिंह और राय दोनों ने पूछा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अनुरोधों के बावजूद सीमावर्ती इलाकों को सील क्यों नहीं किया गया।
संजय सिंह ने दावा किया कि हालात को काबू में करने के लिए आप सरकार हर संभव प्रयास कर रही है, साथ ही कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह महज ‘‘औपचारिकता’’ के लिए बैठकें नहीं कर सकते। सिंह ने कहा, ‘‘गृह मंत्री जाग जाईये, आप महज औपचारिकता के लिए बैठकें बुला रहे हैं, और आपकी पार्टी के सदस्य क्या कर रहे हैं। वे हिंसा भड़का रहे हैं। महज औपचारिकता के लिए बैठकें करने से समाधान निकलने वाला नहीं है।’’ आप नेता ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में हालात ‘डरावने’ हैं और यह सब कुछ दिल्ली में हो रहा है, जहां कानून-व्यवस्था पूरी तरह से केंद्र के हाथों में है। उन्होंने कहा, ‘‘हिंसा भड़काने वाले लोगों का कोई धर्म नहीं है। हिंसा भड़काने के लिए बड़ी संख्या में बाहरी लोग दिल्ली में प्रवेश कर रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल के अनुरोधों के बावजूद सीमावर्ती इलाकों को सील क्यों नहीं किया गया?’’ उन्होंने दावा किया कि जब से अमित शाह गृह मंत्री बने हैं तब से शहर में कानून-व्यवस्था के हालात ‘बदतर’ हो गए हैं। सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘लोगों को मारा जा रहा है, दुकानें और घर जलाए जा रहे हैं। कानून-व्यवस्था गृह मंत्रालय के अधीन आती है और जब से अमित शाह गृह मंत्री बने हैं तब से चीजें बदतर हो गई हैं।’’ गोपाल राय ने कहा कि आप ने सभी कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे हिंसाग्रस्त इलाकों के लोगों से बात करें और शांति के संदेश का प्रसार करें। उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली के उप राज्यपाल ने वादा किया था कि अतिरिक्त बल तैनात किया जाएगा, थोड़े बल को तैनात भी किया गया लेकिन उसके बावजूद गोलीबारी की घटनाएं रुकी नहीं।’’
आप के दोनों नेताओं ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के हिस्सों में सेना की तैनाती के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। इससे पहले अपने ट्वीट में मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थिति ‘‘खतरनाक’’ हो गई है और वह केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिख रहे हैं। केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘मैं पूरी रात काफी संख्या में लोगों के संपर्क में रहा। स्थिति खतरनाक है। पूरे प्रयास के बावजूद पुलिस स्थिति को नियंत्रण में करने और उनमें विश्वास भरने में अक्षम है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सेना को बुलाया जाना चाहिए और शेष प्रभावित इलाकों में तुरंत कर्फ्यू लगाया जाना चाहिए। मैं गृह मंत्री को पत्र लिखता हूं।’’ सदन में मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में करने की कोशिश की और करीब 50 पुलिसकर्मी घायल हो गए।
उन्होंने कहा कि लेकिन सोशल मीडिया में जारी कुछ वीडियो में दिख रहा है कि कुछ पुलिसकर्मी दंगाइयों का समर्थन कर रहे हैं और इसकी जांच की जानी चाहिए। दिल्ली सरकार हिंसा में मारे गए हेड कांस्टेबल रतन लाल के परिवार को एक करोड़ रुपये देगी। उन्होंने दिल्ली विधानसभा में कहा, ‘‘दिल्ली सरकार की नीति के मुताबिक हम हेड कांस्टेबल रतन लाल के परिवार को एक करोड़ रुपये देंगे।’’ मुख्यमंत्री ने खुफिया ब्यूरो के मारे गए कर्मी के परिजन से सांत्वना जताई जिनका शव दिल्ली के दंगा प्रभावित चांद बाग इलाके में पाया गया था। अधिकारियों ने बताया कि खुफिया ब्यूरो के कर्मी अंकित शर्मा पथराव में मारे गए होंगे। गौरतलब है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा में बीते तीन दिन में कम से कम 24 लोगों की मौत हुई है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं।