
रविवार को कैंची धाम के स्थापना दिवस पर श्रद्धा और आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। भारी बारिश और ठंड के बावजूद सवा लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा नीब करौरी महाराज के दर्शन के लिए पहुंचे। अलसुबह तीन बजे से देर रात तक मंदिर परिसर में भक्तों की कतारें लगी रहीं। सुबह 4:45 बजे बाबा को मालपुओं का भोग लगाने के साथ प्रसाद वितरण शुरू हुआ, जो रात 9 बजे तक चला।
श्रद्धालुओं ने दो किलोमीटर लंबी कतार में खड़े होकर मंदिर में प्रवेश किया और अतिरिक्त द्वार से प्रसाद लेकर बाहर निकले। सुबह 10 बजे तक 43 हजार, 11 बजे 52 हजार और दोपहर 3 बजे तक 82 हजार श्रद्धालु कैंची धाम पहुंच चुके थे। रात तक यह संख्या सवा लाख को पार कर गई।
बारिश के बावजूद आस्था कायम
दिन में दो बार हल्की बारिश हुई, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं आई। बाबा के जयकारों के साथ भक्तों ने भीगते हुए भी अपनी जगह कतार में बनाए रखी। इस बार प्रशासन ने कैंची धाम में भीड़ और जाम से निपटने के लिए विशेष शटल सेवा चलाई। हल्द्वानी, भीमताल, भवाली, नैनीताल और क्वारब से आने वाले श्रद्धालुओं को विभिन्न पार्किंग स्थलों से शटल या टैक्सी के जरिए मंदिर के निकट लाया गया, जहाँ से उन्हें पैदल चलकर मंदिर तक पहुंचना पड़ा। इस कारण दो किलोमीटर दूर तक सड़क पर लंबा जाम देखने को मिला।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
मेले के सफल संचालन के लिए 800 से अधिक पुलिसकर्मी चप्पे-चप्पे पर तैनात रहे। एसएसपी पीएन मीणा, डीएम वंदना, कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत और आईजी रिद्धिम अग्रवाल स्वयं मौके पर व्यवस्थाओं की निगरानी करते नजर आए। सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरों और दूरबीनों का उपयोग किया गया। मेले में खोए हुए बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को उनके परिजनों से मिलाने के लिए पुलिस ने सहायता केंद्र बनाया। इस व्यवस्था की लोगों ने सराहना की।
सीएचसी खैरना की ओर से मंदिर परिसर में स्वास्थ्य शिविर लगाया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं का परीक्षण कर मुफ्त दवाएं दी गईं। इस बार सड़क किनारे भंडारों और स्टॉलों पर रोक लगाई गई, जिससे श्रद्धालुओं को प्रसाद के अलावा अन्य खाने-पीने की चीजें कम मिल पाईं। हालांकि स्थानीय लोगों ने अपनी निजी भूमि पर भंडारे लगाकर श्रद्धालुओं की सेवा की।
श्रद्धालुओं की संख्या उम्मीद से कम
प्रशासन ने ढाई लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद जताई थी, लेकिन सख्त ट्रैफिक नियमों और निजी वाहनों पर प्रतिबंध के चलते केवल सवा लाख लोग ही पहुंचे। लोग इसे प्रशासनिक प्रतिबंधों का असर मान रहे हैं।
आईजी कुमाऊं ने की व्यवस्थाओं की सराहना
आईजी रिद्धिम अग्रवाल ने कहा कि शटल सेवा से आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा मिली और मेला शांतिपूर्वक सम्पन्न हुआ। उन्होंने इसे एक सकारात्मक कदम बताते हुए भविष्य में भी इस व्यवस्था को जारी रखने की बात कही।
कैंची धाम का स्थापना दिवस इस बार भी आस्था, अनुशासन और प्रबंधन का उत्कृष्ट उदाहरण बना। बारिश और भीड़ के बावजूद, प्रशासन और श्रद्धालुओं के सहयोग से मेला शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित रहा। बाबा नीब करौरी महाराज की कृपा और भक्तों की आस्था ने इसे एक यादगार आयोजन बना दिया।