राम मंदिर मुद्दे को लेकर AIMIM के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। ओवैसी ने कहा है कि बीजेपी अपनी पार्टी के लिए कम होते जनाधार के लिए देश की न्यायिक प्रकिया को धमकाने की कोशिश कर रही है।
असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करके कहा, ‘ सुप्रीम कोर्ट ने 2003 में माना है कि जब तक अयोध्या विवाद का समाधान नहीं हो जाता है तब ये अधिग्रहण की गई अतिरिक्त जमीन पर यथास्थिति बनाए रखनी होगी। इस बात को सरकार भी जानती है।’
सरकार का कहना है कि जो 70 एकड़ जमीन जिस पर विवाद नहीं है सुप्रीम कोर्ट उसे हिंदू पक्षकारों के हवाले कर दे। इसके अलावा कहा कि 2.77 एकड़ जमीन पर निर्माण करने की इजाजत दी जाए। इसके साथ ही केंद्र ने कहा है कि 0.31 एकड़ जमीन पर ही विवाद है। हम चाहते हैं कि गैर विवादित भूमि को उनके मालिकों को लौटाने की अनुमति दी जाए।
बता दें कि साल 1993 में केंद्र सरकार अयोध्या अधिग्रहण अधिनियम लेकर आई थी। जिसमें विवादित जमीन और उसके आस-पास की जमीन का अधिग्रहण करते हुए दाखिल याचिकाओं को खत्म कर दिया गया था। जिसके बाद सरकार के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में चुनौती दे दी गई थी। 1994 में अदालत ने इस्माइल फारूखी मामले में आदेश देते हुए जमीन केंद्र सरकार के पास रखने को कहा था। इसके साथ ही कहा गया था कि फैसला जिसके पक्ष में आए उसे जमीन सौंप दी जाएगी।