दिल्ली की सीमाओं के साथ-साथ देश के कई हिस्सों में कृषि संगठनों के लोग केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। इन प्रदर्शनों से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। जिसके जरिए यह अफवाह फैलाने की कोशिश की गई है कि भारतीय सेना की एक रेजीमेंट के ये जवान प्रदर्शनकारी किसानों का समर्थन कर रहे हैं।
https://twitter.com/RashtraSarvo/status/1446838526880804867
ऐसे दावों के बीच भारतीय सेना के अधिकारियों ने इस वीडियो से जुड़ा सच बताया है।
A video is circulating on social media showing Indian Army jawans standing with civilians under a tent saying that Punjab regiment soldiers are protesting with some farmers. This is fake news: Indian Army officials pic.twitter.com/AtXQX5fRZK
— ANI (@ANI) October 10, 2021
भारतीय सेना के अधिकारियों ने कहा कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें भारतीय सेना के जवान एक तंबू के नीचे नागरिकों के साथ खड़े होकर कह रहे हैं कि पंजाब रेजिमेंट के जवान कुछ किसानों के साथ विरोध कर रहे हैं। यह बिल्कुल मनगढ़ंत और फर्जी खबर है। भारतीय सेना के अधिकारी ने आगे बताया कि यूनिट के पूर्व सैनिकों ने एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा रहे सेवारत कर्मियों के लिए चाय की व्यवस्था की थी। ऐसे में ये कहना कि ये वीडियो पंजाब रेजिमेंट के जवानों का है बिल्कुल गलत है।
अपने देश के लिए जान की बाजी लगाने वाले हमारे देश के सैनिक इन आंदोलनकारियों के समर्थन में खड़े नहीं होंगे ये बात सभी को पता है। इसके बावजूद के जवानों के नाम का इस्तेमाल कर सेना की देशभक्ति और निष्ठा को दागदार करने का काम किसान आंदोलकारियों के द्वारा किया जा रहा है।
ऐसी अफवाह पहले भी फैला चुके हैं किसान आंदोलनकारी
26 जनवरी को हुई दिल्ली हिंसा के दौरान भी किसान आंदोलनकारियों द्वारा सोशल मीडिया में ऐसी अफवाह उड़ाई गई थी कि पुलिस के जवानों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है.
सेना के अफसर पर हमले की भी उड़ा चुके हैं अफवाह