अब ड्राइविंग लाइसेंस लेने के लिए लागू हुए नए नियम,

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साल 2021 की शुरुआत के साथ ही ड्राइविंग लाइसेंस के नए नियम उत्तर प्रदेश (UP), बिहार (Bihar), मध्य प्रदेश (MP), राजस्थान ( Rajsthan) और झारखंड (Jharkhand) सहित ज्यादातर राज्यों में लागू हो गए हैं. नए नियमों के मुताबिक लर्निंग लाइसेंस के लिए फीस जमा करने की व्यवस्था में बदलाव कर दिया गया है. अब ऑनलाइन स्लॉट बुक होते ही लर्निंग लाइसेंस की फीस जमा करनी होती है और फीस जमा होते ही ड्राइविंग टेस्ट ( Driving Test) के लिए अगली तारीख आवेदक (Applicant) की सुविधा के हिसाब से मिल जाती है. ऐसे में केंद्र सरकार लोगों की रोड सेफ्टी को लेकर जागरूक करने के लिए नए नियम (Road Safety Rules) ला रही है. आंकड़ों के अनुसार, 2019 में सड़क दुर्घटनाओं (Road Accidents) में लगभग 44,666 दोपहिया चालकों की मौत हुई थी. इसमें से 80 फीसदी चालकों ने हेलमेट नहीं पहना था.

पहले ड्राइविंग लाइसेंस लेने के लिए, लाइसेंस संबंधित सेवाओं के लिए परिवहन विभाग के वेबसाइट पर जाकर ड्राइविंग लाइसेंस सेवाओं पर क्लिक करना होगा. फॉर्म भरते समय आपको कुछ जानकारियां देनी होंगी. इसके अलावा ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित दूसरे कागजातों को अपलोड भी करना होगा. इसके बाद आवेदक को RTO में सिर्फ ऑनलाइन परीक्षा में भाग लेने के लिए ही जाना होगा. इसमें भी 10 मिनट की परीक्षा में ट्रैफिक नियमों के बारे में 10 सवाल पूछे जाएंगे. परीक्षा पास करने के लिए कम से कम 6 सवालों का सही जवाब देना होता है. इसके बाद परिवहन विभाग नियमानुसार आगे की कार्यवाही कर वेबसाइट पर जानकारी अपलोड कर देता है जिसका प्रिंट आउट (Print Out) आवेदक खुद भी ले सकता है. लेकिन नए नियम के तहत सड़क पर आपकी और साथ में चलने वाले लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया में बदलाव कर रही है. नए नियम के तहत ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने से पहले अप्‍लाई करने वाले को वीडियो ट्यूटोरियल दिखाया जाएगा. ड्राइविंग के एक महीने पहले दिखाए जाने वाले इस वीडियो ट्यूटोरियल में सेफ ड्राइविंग से जुड़ी जानकारियां दी जाएंगी. इसके अलावा आवदेन की दुर्घटना पीड़ित परिवार के साथ बातचीत भी कराई जाएगी ताकि सड़क पर अपनी और दूसरों की जिंदगी की अहमियत का अहसास कराया जा सके.

नए नियम नवंबर 2021 से लागू होंगे. नियमों के मुताबिक, अगर आपके पास पहले से ड्राइविंग लाइसेंस है और आप ने ट्रैफिक रूल्स को तोड़ा तो आपको सेफ्टी सर्टिफिकेट कोर्स पास करना पड़ेगा. आपको इस रिफ्रेशर कोर्स को पूरा करने के लिए 3 महीने का समय मिलेगा. इस कोर्स को पूरा कर चुके ड्राइवर के आधार कार्ड को ड्राइविंग लाइसेंस से जोड़ा जाएगा ताकि उनकी ड्राइविंग को ट्रैक किया जा सके. केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) अब सेफ ड्राइविंग को लेकर सख्त होने वाला है. दोपहिया वाहनों के बिना हेलमेट लगाए और पुलिस से मिलकर टोल क्रॉस करने वालोंको चिह्नित करने के लिए मंत्रालय एक सिस्टम शुरू करने वाला है. इसमें बिना हेलमेट लगाए बाइक सवारों की फुटेज शेयर की जाएगी और उनका चालान काटा जाएगा.