भारत में बढ़ती प्रतिस्पर्धा को देखते हुए कोका-कोला ने अपनी 400 ml PET बोतल की कीमत ₹25 से घटाकर ₹20 करने का फैसला किया है। “द टाइम्स ऑफ इंडिया” की रिपोर्ट के अनुसार, यह नई कीमतें तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल के बाजारों में अगले एक हफ्ते के भीतर लागू हो सकती हैं। इस बदलाव का मुख्य कारण रिलायंस इंडस्ट्रीज के स्वामित्व वाली कैम्पा कोला का आक्रामक मार्केटिंग और प्राइसिंग स्ट्रेटेजी है, जिसने अपने पेय पदार्थों को सस्ती कीमतों पर उपलब्ध कराकर बाजार में कोका-कोला जैसी बड़ी कंपनियों पर दबाव बना दिया है।
नई पैकेजिंग और ऑफर के साथ आएगा कोका-कोला
सूत्रों का कहना है कि कोका-कोला ग्राहकों को लुभाने के लिए एक नई पैकेजिंग पेश करेगी। इसमें 250 ml और 150 ml फ्री (कुल 400 ml) का ऑफर रहेगा, जिसे सिर्फ ₹20 की कीमत पर लॉन्च किया जाएगा। यह नया पैक विशेष रूप से उन ग्राहकों को आकर्षित करेगा जो अधिक मात्रा और कम कीमत की तलाश में हैं। इस पैकेजिंग पर स्पष्ट रूप से “250 ml + 150 ml फ्री” लिखा होगा, जिससे ग्राहकों को यह नई पेशकश समझने में आसानी होगी।
कैम्पा कोला की आक्रामक कीमतों से बढ़ा दबाव
कैम्पा कोला ने हाल ही में अपनी 500 ml PET बोतल को सिर्फ ₹20 में बेचने का ऐलान किया था, जो कोका-कोला के लिए एक चुनौती बन गया है। इसके अलावा, कैम्पा कोला ने 600 ml की बोतल ₹30 में उतारी है और 2 लीटर की बड़ी बोतलें भी कम कीमत पर उपलब्ध करा रही है। इसके मुकाबले कोका-कोला के प्रोडक्ट्स महंगे हो रहे थे, जिससे ग्राहकों का रुझान कम हो सकता था। कैम्पा कोला के इस कदम ने कोका-कोला को मजबूर किया है कि वह अपने प्रोडक्ट्स की कीमतें घटाकर उन्हें ज्यादा प्रतिस्पर्धात्मक बनाए।
डिस्ट्रीब्यूटर्स के सामने चुनौती
कोका-कोला के इस फैसले के चलते डिस्ट्रीब्यूटर्स के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। उनके पास 250 ml की बोतलों का काफी स्टॉक पहले से ही ₹20 की कीमत पर है, जिसे नई 400 ml बोतलों के आने से पहले क्लियर करना जरूरी है। डिस्ट्रीब्यूटर्स के मुताबिक, इस स्टॉक को बेचने में उन्हें दिक्कतें आ सकती हैं, खासकर जब नई पैकेजिंग और कम कीमत वाली बोतलें मार्केट में आने वाली हैं।
बाजार और ग्राहकों पर संभावित असर
कोका-कोला का यह सस्ता ऑफर ग्राहकों के लिए एक आकर्षक विकल्प साबित हो सकता है। जहां एक तरफ कोका-कोला की कीमत में कमी से उपभोक्ताओं का रुझान बढ़ेगा, वहीं दूसरी ओर कैम्पा कोला और कोका-कोला के बीच इस प्राइस वॉर का सीधा फायदा ग्राहकों को मिलेगा। इसके साथ ही, यह बदलाव ग्रामीण और शहरी दोनों बाजारों में पेय पदार्थों की मांग को प्रभावित कर सकता है, जहां कीमतें उपभोक्ताओं की पसंद को प्रभावित करती हैं।