नीतीश कुमार ने 10वीं बार संभाली बिहार की कमान, 26 मंत्रियों के साथ एनडीए की नई सरकार गठित

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बिहार में हुए विधानसभा चुनावों में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद प्रदेश में एक बार फिर राजनीतिक तस्वीर साफ हो गई है। जीत के तुरंत बाद जनता दल यूनाइटेड के नेता नीतीश कुमार ने ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज करते हुए 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। पटना स्थित राजभवन में आयोजित भव्य समारोह में राज्यपाल की मौजूदगी में नीतीश कुमार के साथ नई सरकार के 26 मंत्रियों ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली। नई कैबिनेट में एनडीए के सभी घटक दलों को उनके प्रभाव और योगदान के आधार पर प्रतिनिधित्व दिया गया है। बीजेपी के हिस्से से सबसे अधिक 14 मंत्रियों को शामिल किया गया है, जबकि जेडीयू से 8 मंत्री, एलजेपी (रामविलास) से 2 और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा व राष्ट्रीय लोक मोर्चा से एक-एक मंत्री को जगह मिली है। वहीं बीजेपी के कोटे से दो डिप्टी सीएम बनाए गए हैं—सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, जिन्हें सरकार की रणनीति और प्रबंधन में प्रमुख भूमिका निभाने की जिम्मेदारी दी गई है।

नए मंत्रिमंडल में कई पुराने चेहरे और कुछ नए नेताओं का मिश्रण देखने को मिला। मंगल पांडेय, अशोक चौधरी, लेशी सिंह, श्रेयसी सिंह, रमा निषाद और मदन सहनी जैसे अनुभवी और विश्वसनीय नेताओं को दोबारा मौका दिया गया है। इसके साथ ही दो युवा चेहरों—जीतन राम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन और उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश—को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई गई, जिसे राज्य की युवा आकांक्षाओं और नए नेतृत्व को उभारने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह मंत्रिमंडल अनुभव, युवा ऊर्जा और सामाजिक प्रतिनिधित्व का संतुलित मेल प्रस्तुत करता है।

शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रीय राजनीति की कई महत्वपूर्ण हस्तियां भी शामिल रहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री इस अवसर के साक्षी बने। समारोह के बाद पटना एयरपोर्ट पर एक अनौपचारिक लेकिन चर्चा में रहने वाला क्षण भी सामने आया, जब नीतीश कुमार प्रधानमंत्री को विदा करने पहुंचे और उनके पैर छूने की कोशिश करते हुए कैमरों में कैद हो गए। यह घटना सोशल मीडिया पर खूब चर्चा का विषय बनी रही और इसे विभिन्न राजनीतिक दृष्टिकोणों से देखा गया।

नई सरकार से लोगों को प्रशासनिक स्थिरता, विकास और सुशासन की उम्मीदें जुड़ी हैं। नीतीश कुमार के एक बार फिर सत्ता में लौटने के बाद अब सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि एनडीए सरकार अपने चुनावी वादों और विकास एजेंडा को किस तरह आगे बढ़ाती है और बिहार को नई दिशा देने में कितनी तेजी दिखाती है।