कोरोना काल के बाद शिक्षा क्षेत्र की नई चुनौती, स्कूलों में महाराष्ट्र मॉडल लागू करने की वकालत

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कोरोना काल के बाद कई राज्यों में अप्रेल से बच्चो की सामन्य शिक्षा शुरु हो रही है । लेकिन कोरोना काल में छात्रों के उपर फेल होने का दबाव ज्यादातर राज्य सरकार ने नहीं रखा । अब सवाल है की क्या पुरानी शिक्षा नीति  पर राज्यों की व्यवस्थाए लौटेंगी । नए सत्र की शुरुआत से पहले कई शिक्षाविदों ने इस पर चिंता जताते हुए बेहतर विकल्प और छात्रों पर नकारात्मक दबाव को कम करने लायक शिक्षा नीति को लागू करने की दिशा में कदम उठाने की वकालत की है ।

महाराष्ट्र में शिवसेना बीजेपी के गठबंधन की सरकार के दौरान वहां के शिक्षा मंत्री रहे विनोद तावड़े ने नई शिक्षा नीति को लागू किया था । महाराष्ट्र की नई शिक्षी नीति के तहत छात्रों को फेल करने की बजाए उन्हें उन विषयों में पुन: परीक्षा देने की छूट दी गई जिसमें वे सफल नही हो सके थे । महाराष्ट्र सरकार में शिक्षा मंत्री रहे विनोद तावड़े द्वारा अपनाई गई शिक्षा नीति की कई शिक्षकों और बुद्धीजिवियों ने बड़े पैमाने पर समर्थन किया ।

कोरोना काल के बाद बच्चों पर पड़ने वाले दवाब को लेकर विनोद तावड़े का फार्म्यूले की वकालत सोनम वैंगचुक जिनसे प्रेरित बॉलिवुड फिल्म 3 इडियट्स में फुंगसुक वैंगडू यानी आमिर खान ने निभाया था ।

सोनम वैंगचुक ने ट्विट कर कहा है की कुछ साल पहले महाराष्ट्र में शिक्षा मंत्री रहे विनोद तावड़े द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में उठाया गया साहसिक कदम मील का पत्थर साबित हुआ है । सोनम वैंगचुक के मुताबिक छात्रों  के रिपोर्ट कॉर्ड से ‘फेल’ शब्द का हटना अपने आप में बड़ी कदम है । विनोद तावड़े के फार्म्यूले से छात्रों में अन्य प्रतिभाओं का विकास भी करना भी आसान हो जाता है ।

सोनम वैंगचुक मानते हैं की महाराषट्र में अपनाए गए विनोद तावड़े फार्म्यूले का अनुसरण देश की राज्य सरकारों को भी करना चाहिए जिससे छात्रों पर पड़ने वाले मानसिक दबाव को कम किया जा सके ।