‘कौम का कलंक’ कौन?
‘कौम का कलंक’ कौन?- उत्तरप्रदेश में बड़े पैमाने पर चल रहे धर्मांतरण रैकेट के भंडाफोड़ के बाद रोज चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। धर्मांतरण रैकेट में 7 तरह के कोड वर्ड का इस्तेमाल किया जा रहा था। इन सभी को डिकोड करके इनके मतलब निकाले गए हैं। हालांकि एक कोड ‘कौम का कलंक’ को अभी तक डिकोड नहीं किया जा सका है। यूपी के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कोड वर्ड और इनके मतलब बताए।धर्मांतरण रैकेट चलाने के आरोप में गिरफ्तार हुए उमर और जहांगीर से पूछताछ में पता चला है
इस्लामिक दावाह सेंटर में देश और विदेश से एक करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम हवाला के जरिए आई है।
पड़ताल में सामने आया है कि उमर ने अपने निजी, परिवारीजनों और फातिमा चैरिटेबल ट्रस्ट के बैंक खातों में विदेश से रकम ट्रांसफर करवाई थी। वर्तमान में इस्लामिक दवाह सेंटर के बैंक खाते से 50 लाख रुपये बरामद हुए हैं। एडीजी एलओ प्रशांत कुमार ने बताया कि असम की संस्था मारकाजुल मारिफ से भी उमर को बड़ी रकम मिली है।
एडीजी के मुताबिक इस्लामिक दावा सेंटर के खाते में एक करोड़ रुपये से ज्यादा ट्रांजैक्शन किया गया है।
ज्यादातर रकम हवाला के जरिए आई है।
कतर, दुबई, अबुधाबी से इस्लामिक दावाह सेंटर के खातों में कई ट्रांजेक्शन हुए हैं।
एडीजी ने बताया कि धर्मांतरण से जुड़े जो भी दस्तावेज इन पांचों के यहां से मिले हैं
उनका सत्यापन कराया जा रहा है।
जहांगीर गिरफ्तार
अलीगढ़, नोएडा, गाज़ियाबाद, बनारस,सहारनपुर समेत प्रदेश के 27 जिलों के पुलिस कप्तानों को पत्र लिखा गया है। इन शहरों में धर्म परिवर्तन करवा चुके लोगों का सत्यापन कराया जा रहा है।यूपी एटीएस ने पिछले दिनों अवैध धर्मांतरण गैंग का पर्दाफाश किया था। इस गैंग पर करीब 1000 लोगों के जबरन धर्मांतरण का आरोप है। गैंग के दो मुख्य आरोपी उमर और जहांगीर गिरफ्तार किए जा चुके हैं। ये इस्लामिक दावाह सेंटर नाम की संस्था का संचालन करते थे जो महिलाओं और मूक बधिर बच्चों का धर्मांतरण कराते थे।