गिरिडीह में हिंसावादी किसान आंदोलन, माओवादियों ने मजदूरों के साथ की मारपीट

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गिरिडीह में हिंसावादी किसान आंदोलन, माओवादियों ने मजदूरों के साथ की मारपीट

किसान आंदोलन को रविवार (कल) को पूरे दस महीने हो जाएंगें। पिछले दस महीनों से लगातार किसान नेता और विपक्ष किसान आंदोलन के सहारे अपने-अपने राजनीतिक फायदे की आस लगातार बैठे हैं। कभी हरियाणा, तो कभी पंजाब और दिल्ली-बॉर्डरों पर किसान लगातार केंद्र सरकार के विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। अब तो हाल ये है कि किसान नेता राकेश टिकैत के समर्थक जो न्यू योर्क में रहते हैं, वे भी खालिस्तानी झंडों के साथ न्यू योर्क में प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान नेता लगातार हिंसावादी आंदोलन कर रहे हैं जिससे आम जनता को काफी आर्थिक नुकसान पहुंच रहा है। पंजाब, हरियाणा के बाद अब गिरिडीह और छोटेडोंगर के माओवादी भी किसान आंदोलन के समर्थन में हिंसावादी प्रदर्शन कर रहे हैं।

झारखंड के गिरिडीह के डुमरी थाना क्षेत्र में माओवादियों ने केंद्र सरकार के विरोध कई पोस्टर लगाकर प्रदर्शन किया। इन पोस्टरों में तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की गई थी। हिंसावादी प्रदर्शन कर माओवादियों ने कहा कि सरकार को कृषि विरोधी कानूनों को वापस लेना ही होगा। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शन को रोका और दीवारों पर लगे पोस्टरों को उतार दिया।

वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ के छोटेडोंगर में भी माओवादियों का हिंसावादी प्रदर्शन देखने को मिला। छोटेडोंगर के मढ़ोना में नक्सलियों ने सड़क पर काम कर रहे मजदूरों के साथ मारपीट की और उन्हें काम ना करने की धमकी दी। नक्सलियों ने मौके पर खड़ी सरकारी जेसीबी, दो ट्रैक्टर और सुपरवाइजर की एक बाइक को भी आग लगा दी।

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