RSS ने राम मंदिर बनाने के मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाते हुए देश की राजधानी दिल्ली से 1 दिसंबर से 9 दिसंबर तक रथ यात्रा निकालने का फैसला किया है। इस यात्रा का नाम ‘संकल्प रथ यात्रा’ रखा गया है। ये यात्रा 9 दिसंबर तक पूरे देश में जाएगी। इस यात्रा के जरिए RSS राम मंदिर बनाने के लिए देशभर के लोगों का समर्थन जुटाने की कोशिश करेंगे।बता दें कि यात्रा की शुरुआत दिल्ली के झंडेवालान मंदिर से होगी। वीएचपी इस मुद्दे पर पहले ही अपना रुख साफ कर चुका है और इसके लिए 25 नवंबर को अयोध्या में जन सभा भी बुलाई गई थी। 25 नवंबर को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने परिवार के साथ पहुंचकर राम लला के दर्शन किए और इसके बाद राम मंदिर के मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की।राम मंदिर को लेकर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि वह यहां कोई राजनीति करने नहीं आये हैं लेकिन सरकार मंदिर बनाने की तारीख बताये। ठाकरे ने यहां एकत्र शिवसेना समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं यहां राजनीति करने नहीं आया हूं। मैं सोये हुए कुंभकर्ण को जगाने आया हूं।
‘उन्होंने कहा कि दिन, महीने, साल और पीढियां निकल गयीं। साथ ही कटाक्ष किया, ‘मंदिर वहीं बनाएंगे लेकिन तारीख नहीं बताएंगे। पहले बताओ कि मंदिर कब बनाओगे। मुझे मंदिर निर्माण की तारीख चाहिए। बाकी बातें बाद में होती रहेंगी।‘
वीएचपी ने धर्मसंसद करने के साथ ही अपनी धर्म सभाओं को चार चरणों में बांट कर इसकी योजना का भी खुलासा कर दिया था। इसके साथ ही शिवसेना भी 25 नवंबर को धर्मसभा की। दोनों की संगठनों का मकसद सिर्फ एक है कि अयोध्या में भगवान राम भव्य मंदिर बनना चाहिए।
साथ ही आरएसएस ने भी इस मामले पर सक्रियता दिखाते हुए राम मंदिर की आवाजों को जोर दे दिया है। हालांकि आरएसएस के सर पर दूसरा जिम्मा ये भी है कि उन्हें पीएम मोदी के लिए दोबारा से सत्ता की कुर्सी तक पहुंचने का रास्ता तैयार करना है।