Kisan Andolan : दिल्ली के बॉर्डर 10 महीने से जाम, जनता परेशान
Kisan Andolan: किसान आंदोलन को लगभग एक साल पूरा होने वाला है। पंजाब, हरियाणा और यूपी, बिहार के कई किसान दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी राज्यों में जगह-जगह पर धरनों पर बैठे हैं। देश के अन्नदाताओं और किसान नेताओं ने ये ऐलान किया है कि जब तक केंद्र सरकार पिछले साल पास किए गए तीन कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेती, तब तक उनका धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। किसान लगभग एक साल से दिल्ली-एनसीआर के चारों बॉडर्स पर धरना देकर बैठे हैं। साथ ही किसान नेता पंजाब के मोगा, हरियाणा, चंडीगढ़ और मुजफ्फरनगर में लगातार जनसभाएं करकर ज्यादा से ज्यादा किसानों को अपने आंदोलन के साथ जोड़ रहे हैं।
किसान नेता कभी मुजफ्फरनगर में महापंचायत, तो कभी हरियाणा के पीपली से सिंधु बॉर्डर तक तिरंगा रैली तो कभी चंडीगढ़ में धरना प्रदर्शन कर सरकार पर अपनी मांगें मनवाने के लिए दबाव डाल रहे हैं। पर इस आंदोलन से ना जाने कितने लोगों को अनगिनित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली के बॉडर्स जैसे सिंधु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर औऱ अन्य बॉर्डरों को किसान आंदोलन के कारण बंद कर दिया गया है। साथ ही इन बॉर्डरों के आस-पास जिन लोगों की दुकानें हैं, उन्हें भी अपनी दुकानें कई महीनों से बंद रखनी पड़ रही है।
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इस आंदोलन के कारण पंजाब के करीब 400 श्रमिकों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा। कंपनियां पंजाब से लगातार पलायन कर रही है, जिससे ना जानें कितने परिवार दाने-दाने को मोहताज हो रहे हैं। किसान आंदोलन के कारण कई महीनों से सिंधु बॉर्डर के व्यापारियों को अपनी दुकानें बंद रखनी पड़ रही है।
साथ ही हरियाणा से दिल्ली आने वाले लोगों को सिंधु बॉर्डर बंद होने के कारण औचंदी बॉर्डर से घूम कर आना पड़ता है। अब बस लोगों को यही इतंजार हैं कि दिल्ली का सिंधु बॉर्डर और बाकी बॉडर्स जल्द से जल्द पूरी तरह से खुल जाएं।