इमरान का मोदी के नाम शांति वार्ता के लिए चिट्टी क्या महज एक दिखावा

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पाकिस्तान अपनी गंदी नीयत से कभी बाज नहीं आ सकता है। एक तरफ पाकिस्तान के नये-नवेले प्रधानमंत्री इमरान खान भारत के प्रधानमंत्री को चिट्टी लिख कर शांति वार्ता करने की सिफारिश करते हैं। वहीं दूसरी तरफ उनकी सेना अपनी कायराना रहकत से बाज नहीं आ रही है। सही कहा गया है पाकिस्तान का आका कोई भी हो वो अपनी नीयत को कभी साफ नहीं रख सकता है।

सैनिकों का गला काट मारी गोली

खबर सीमा से सांबा के रामगढ़ सेक्टर में बॉर्डर पर पाकिस्तान रेंजरों और कुख्यात बैट कमांडो ने बीएसएफ जवान नरेंद्र का पहले अपहरण किया फिर उसकी निर्मम हत्या कर दी। इतना ही नहीं शव के साथ भी बर्बरता की गई है। उनका गला काटा गया फिर दो गोलियां मारकर हत्या की गई. शहीद जवान का शव मंगलवार को बरामद हुआ था। नरेंद्र हरियाणा के सोनीपत के कला गांव के रहने वाले थे. जहां आज उन्हें पूरे सम्मान के साथ आखिरी विदाई दी गई।

इमरान खान की मोदी के नाम चिट्टी क्या एक दिखावा है

प्रधानमंत्री मोदी के बधाई संदेश के जवाब में इमरान खान ने लिखा, ”मैं आपकी बधाई के लिए धन्यवाद करता हूं। मैं आपकी भावनाओं का सम्मान करता हूं कि दोनों देशों के लिए आगे बढ़ने का एक मात्र रास्ता रचनात्मक बातचीत में है। इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि भारत और पाकिस्तान के बीच चुनौतीपूर्ण संबंध हैं। पाकिस्तान आतंक पर बात करने के लिए तैयार है। इसके साथ ही व्यापार, पर्सन टू पर्सन कॉन्टेक्ट, धार्मिक पर्यटन और मानवता भी महत्वपूर्ण मुद्दे हैं।” इमरान खान एक तरफ


विपक्ष का प्रधानमंत्री मोदी पर हमला

जवान नरेंद्र की हत्या की खबर शेयर करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। केजरीवाल ने ट्वीट किया, ”इसे पढ़िए। आपका ख़ून खौल उठेगा। प्रधान मंत्री जी जवाब दें कि आख़िर कब तक भारत के सैनिकों पर अत्याचार जारी रहेगा? कब तक भारत पाकिस्तान के सामने बेबस रहेगा? आख़िर क्या मजबूरियां हैं प्रधानमंत्री जी की?”

आतंक पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं तो वहीं दूसरी तरफ सीमा से आतंकी और पाकिस्तान की फौज लगातार भारतीय जवानों के संयंम की परीक्षा ले रहा है।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया। ”सैनिक भारत की आत्मा हैं. भारत की ऐसी ही एक आत्मा नरेंद्र सिंह को नौ घंटों तक के लिए टॉर्चर किया गया, उनकीं आँखें बाहर निकाल ली गईं, पैर काट दिए गए, गला रेंत दिया गया और फिर पाकिस्तान ने उन्हें गोली मार दी। इस शहादत के साथ नरेंद्र ने भारत माता का कर्ज चुका दिया। अब सवाल ये है कि पाकिस्तान को बल्ले भेजन की जगह आप सैनिकों के लिए कब बल्लेबाजी करेंगे।”

पाकिस्तान पहले आतंक पर लगाम कसे फिर बात होगी: भारत

विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक द्विपक्षीय वार्ता के संदर्भ में भारत अपने रुख पर कायम है कि जब तक सीमा-पार आतंकवाद नहीं रुकता और सरहद पर हिंसा का सिलसिला जारी रहता है तब तक बातचीत संभव नहीं है। टेरर और टॉक एक साथ नहीं चल सकते यह भारत लगातार कहता रहा है। सार्क के आयोजन पर भारत अपने मत पर बरकरार है कि जब तक माहौल में माकूल सुधार नहीं होता तब तक ऐसी किसी क्षेत्रीय बैठक का आयोजन संभव नहीं है।