चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा बूढ़ी हो चुकी पार्टी की बुनियादी खामियों का तुरंत समाधान नहीं

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लखीमपुर खेरी की घटना को अपनी सियासी सफलता की सीढ़ी के तौर पर देखने वाली कांग्रेस को चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बड़ी गलतफहमी करार दिया है।प्रशांत किशोर ने लखीमपुर खीरी मामले को लेकर कांग्रेस के ऊपर कई सवाल खड़े करते हुए निशाना साधा। प्रशांत किशोर ने कांग्रेस का नाम लिए बिना पार्टी को ग्रैंड ओल्ड पार्टी (GOP) बताते हुए ट्वीट किया कि जो लोग इस उम्मीद में हैं कि लखीमपुर खीरी घटना के बाद कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष की तुरंत वापसी होगी, वो बहुत बड़ी गलतफहमी में हैं।

‘पीके’ के नाम से मशहूर प्रशांत किशोर ने ट्वीट करके कहा, ‘लखीमपुर खीरी की घटना के आधार पर देश की सबसे पुरानी पार्टी की अगुवाई में विपक्ष के त्वरित और स्वाभाविक रूप से उठ खड़े होने की उम्मीद लगा रहे लोग निराश हो सकते हैं. दुर्भाग्यवश सबसे पुरानी पार्टी में लंबे समय से घर कर चुकी समस्याओं और ढांचागत कमजोरियों का कोई त्वरित समाधान नहीं है।’
प्रशांत किशोर ने यह टिप्पणी उस वक्त की है, जब कुछ हफ्ते पहले तक उनके कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं। ऐसे में प्रशांत किशोर का यह बयान काफी मायने रखता है।
कांग्रेस के कमबैक की अटकलों को किया सिरे खारिज
दरअसल, लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में प्रदर्शनकारी किसानों की मौत के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और राहुल गांधी की सक्रियता को कुछ लोग कांग्रेस के कमबैक के रुप में देख रहे थे। इस पर प्रशांत किशोर ने संगठन के अंदर की संगठनात्मक और बुनियादी कमजोरी का हवाला देते हुए कांग्रेस की असलियत खोलकर रख दी है।
 क्यों अहम है पीके का यह बयान, आईए जानते हैं..
 – किसी एक राजनीतिक दल से संबंध नहीं
बात प्रशांत किशोर एक चुनावी रणनीतिकार हैं, वे एक ‘पेड प्रोफ़ेशनल कंसल्टेंट’ के तौर पर अपनी सेवाएँ देते हैं। पीके किसी एक राजनीतिक दल से बंधे नहीं हैं ऐसे में उनका बयान किसी विपक्षी पार्टी द्वारा दिए गए बयानों से अलग मायने रखता है।
– पीके के पास एक पूरी रिसर्च टीम
प्रशांत किशोर अगर कुछ कहते हैं तो इसके पीछे कोई हवा हवाई बात नहीं बल्कि एक पूरी स्टडी होती है। पीके के पास एक पूरी रिसर्च टीम है और ये बातें उन्हें दूसरों से अलग करती हैं।
– कांग्रेस और अन्य पार्टियों के साथ काम करने का अनुभव
प्रशांत किशोर की कांग्रेस के बारे में यह राय इसलिए भी अहम है क्योंकि वे कांग्रेस के लिए यूपी विधानसभा में ये काम कर चुके हैं। इसके अलावा पीके ने अन्य पार्टियों के साथ भी काम किया है और कांग्रेस और दूसरी पार्टियों की तुलना वे बेहतर तरीके से कर सकते हैं।
– अपनी राजनीतिक समझ और अनुभव का कई बार मनवा चुके हैं लोहा
बिहार के भोजुपरी भाषी इलाके से ताल्लुक रखने वाले 44 वर्षीय प्रशांत किशोर अब तक नरेंद्र मोदी, नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह, आंध्र प्रदेश में जगन रेड्डी और तमिलनाड़ु में डीएमके नेता एमके स्टालिन को अपनी प्रोफ़ेशनल सेवाएँ दे चुके हैं और अपनी काबिलियत साबित कर चुके हैं। इसलिए भी कांग्रेस के लिए उनका यह कहना कोई छोटी बात नहीं है।