#KisanAndolan: दिल्ली बॉर्डरों पर नाकाबंदी, हजारों नौकरीपेशा लोगों के लिए श्राप

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#KisanAndolan: दिल्ली बॉर्डरों पर नाकाबंदी, हजारों नौकरीपेशा लोगों के लिए श्राप

किसान आंदोलन को पूरे दस महीने हो गए हैं। हरियाणा-दिल्ली के बॉर्डरों के आस-पास के इलाकों में रहने वाले लोगों को इस आंदोलन की वजह से पिछले दस महीनों से अनगिनत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हरियाणा-दिल्ली में रहने वाले जो लोग सिंधु बॉर्डर और बहादुरगढ़-टिकरी बॉर्डर के आस-पास के शहरों में अपनी नौकरी के लिए आते हैं, खासकर उन लोगों की कुंडली में किसान आंदोलन एक श्राप की तरह बैठा गया है, जो पिछले दस महीनों से हटने का नाम ही नहीं ले रहा। साथ ही जिन व्यापारियों की सिंधु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पर दुकानें हैं, वो दुकानें भी किसानों की जिद्द और हिंसावादी आंदोलन की वजह से बंद है। सिंधु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर के व्यापारी पिछले दस महीनों से लगातार घाटे में जा रहे हैं।

#KisanAndolan: दिल्ली बॉर्डरों पर नाकाबंदी, हजारों नौकरीपेशा लोगों के लिए श्राप

सिंधु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर को खुलवाने के लिए कोर्ट में लगातार अर्जी दायर हो रही है। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली-हरियाणा के बॉर्डरों पर नाकेबंदी और आंदोलन के कारण लोगों को हो रही परेशानी वाली एक याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले को लेकर कई याचिकाएं दायर की गई थी, इसलिए इस मामले पर गौर करने के लिए एक समिति बनाई गई है।

बता दें दिल्ली-हरियाणा सीमा पर पिछले दस महीने से लगी नाकेबंदी को हटाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। ये याचिका बहादुरगढ़ चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज ने दायर की थी। इस याचिका में लिखा गया था कि दिल्ली-हरियाणा के बॉर्डरों पर लगी नाकेबंदी के कारण पिछले कई महीनों से हजारों नौकरीपेशा लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले की अगली सुनवाई नवंबर में होगी।

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