कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर जेलों में भीड़ कम करने पर विचार करने के उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार नगालैंड में 109 विचाराधीन कैदियों को अंतरिम जमानत पर विभिन्न जेलों से रिहा किया गया है।
अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि न्यायालय के आदेश के बाद एक समिति का गठन किया गया और उसकी सिफारिशों के आधार पर अंतरिम जमानत एवं पैरोल पर कैदियों को रिहा किया गया।
नगालैंड राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति एस सेर्तो, प्रधान सचिव (गृह) अभिजीत सिन्हा और अतिरिक्त महानिदेशक (कारागार) रेनचामो पी किकोन समिति के सदस्य हैं।
राज्यभर की 11 जेलों से विचाराधीन कैदियों को रिहा किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि राज्य की जेलों में 1,450 कैदियों को रखने की क्षमता है और विचाराधीन कैदियों को रिहा किए जाने से पहले इनमें 537 कैदी थे।
समिति ने निर्देश दिया कि यदि कोई विचाराधीन कैदी मामले के तथ्यों से परिचित किसी गवाह या किसी व्यक्ति या मामले के पीड़ित को धमकाता है तो उसे तत्काल हिरासत में ले लिया जाएगा।
इसके अलावा, उसने जेल प्राधिकारियों को कारागार में सामाजिक दूरी बनाए रखने के निर्देश दिए।