देश को आजादी दिलाने में अनेक संगठनों का बहुमूल्य योगदान रहा- अमित शाह

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गृहमंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में Revolutionaries– The Other Story of How India Won Its Freedom पुस्तक का किया विमोचन

नई दिल्ली- केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने बुधवार 11 जनवरी को नई दिल्ली में Revolutionaries – The Other Story of How India Won Its Freedom पुस्तक का विमोचन किया। अपने संबोधन में अमित शाह ने शुरूआत पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देकर की। गृहमंत्री अमित BJPशाह ने कहा कि आजादी का एक ही दृष्टिकोण हमेशा से हमें बताया गया, जबकि देश को आजाद कराने में अनेक व्यक्तियों, विचारों व संगठनों का बहुमूल्य योगदान था, यह पुस्तक उन्हीं सशस्त्र आंदोलन को जनता को बताने का एक अच्छा प्रयास है।

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि इतिहास को बारीकी से पढ़ना और उसके संदेश को आने वाली पीढ़ियों में सटीक तरीके से देना हर पीढ़ी का दायित्व होता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज़ादी के अमृत महोत्सव के वर्ष में 15 अगस्त को पंच प्राण की बात की थी और विरासत पर गर्व व गुलामी की निशानियों से मुक्ति पंच प्राणों का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

उन्होंने आगे कहा कि जिस देश की नई और वर्तमान पीढ़ी को अपनी विरासत पर गर्व नहीं होता है वो कभी अपने देश को महान नहीं बना सकती। गुलामी के काल की मान्यताओं और सोच को लेकर चलने वाले लोग कभी देश की सोच को गुलामी से मुक्त नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि हमारे इतिहास के लेखन को गुलामी की सोच से मुक्ति दिलाने की ज़रूरत है और वीर सावरकर ने सबसे पहले यह प्रयास किया था।

अमित शाह ने अपने संबोधन में आगे कहा कि पूरा देश और सभी लोग वर्ष 1857 की क्रांति को गदर के नाम से जानते थे लेकिन पहली बार वीर सावरकर ने 1857 की क्रांति को सबसे पहला स्वतंत्रता संग्राम कहा और वहीं से नरेटिव को बदलने की शुरूआत की। उन्होंने कहा कि इतिहास कई मान्यताओं को जन्म देता है लेकिन इसे हार-जीत के आधार पर नहीं लिखा जा सकता, क्योंकि प्रयासों के भी कई पहलू होते हैं।

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