भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने टॉप अमेरिकी कंपनियों में नौकरी पाने के इच्छुक भारतीय आईटी और अन्य पेशेवरों की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि आज ऐसी स्थिति है कि फॉर्च्यून 500 कंपनियों के 10 सीईओ में से एक भारतीय आप्रवासी है, जिसने अमेरिका में पढ़ाई की है.
मजाकिया अंदाज में एरिक गार्सेटी ने ली चुटकी
अमेरिकी राजदूत ने चुटकी लेते हुए कहा, पुराना मजाक यह था कि अगर आप भारतीय हैं तो आप अमेरिका में सीईओ नहीं बन सकते. लेकिन अब मजाक यह है कि अगर आप भारतीय नहीं हैं तो अमेरिका में सीईओ नहीं बन सकते. उन्होंने कहा कि चाहे वह गूगल हो, माइक्रोसॉफ्ट हो या स्टारबक्स हो, हर जगह भारतीय पहुंचे हैं.
निश्चित रूप से, एरिक गार्सेटी ने जिस स्थिति के बारे में बात की, वह विभिन्न क्षेत्रों में बड़ी संख्या में उम्मीदवारों और अमेरिकी विश्वविद्यालयों में सभी प्रकार के हायर एजुकेशन लेने वाले छात्रों के लिए आधार बनती है. अकेले 2023 में, भारतीय नागरिकों को कुल मिलाकर रिकॉर्ड 1.4 मिलियन अमेरिकी वीजा प्रदान किए गए.
छात्रों की संख्या में कमी नहीं आएगी- एरिक गार्सेटी
एक दिन पहले ही जब एरिक गार्सेटी से पूछा गया कि क्या उन्हें 224 में वीज़ा आवेदनों की संख्या में और वृद्धि की उम्मीद है, तो उन्होंने कहा कि यह संख्या ‘हर साल बढ़ रही है.’ अमेरिकी विश्वविद्यालय पढ़ाई के लिए बेहतरीन स्थान हैं. मुझे लगता है कि यह युवा आबादी, बढ़ती आबादी और दुनिया की सबसे बड़ी आबादी के लिए चालक बना रहेगा. मुझे नहीं लगता कि हमारे जीवनकाल में छात्रों की संख्या में कमी आएगी.
गार्सेटी ने यह भी साझा किया कि राष्ट्रपति जो बाइडेन ने उन्हें भारत में अमेरिकी वीजा के लिए वेटिंग समय को कम करने का निर्देश दिया है. राजदूत ने कहा, यह पहली बार है जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने किसी देश के राजदूत को ऐसा निर्देश दिया है. अमेरिकी वीज़ा के लिए भारत में वेटिंग समय 250 दिन है.