
दिल्ली–गाजियाबाद–मेरठ कॉरिडोर पर संचालित की जा रही ‘नमो भारत’ ट्रेन और इसके स्टेशनों की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ किया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट की सुरक्षा की जिम्मेदारी अब उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल (UP SSF) को सौंपी गई है। इसके तहत UP SSF के जवानों का विशेष प्रशिक्षण अभियान तेज गति से चलाया जा रहा है, ताकि यात्रियों को सुरक्षित, निर्बाध और सुगम यात्रा का अनुभव मिल सके।
कड़े सुरक्षा मानक, हाईटेक ट्रेनिंग
नमो भारत कॉरिडोर की संवेदनशीलता को देखते हुए UP SSF के जवानों को विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रशिक्षण में भीड़ नियंत्रण, स्टेशनों पर सुरक्षा निगरानी और संदिग्ध गतिविधियों पर पैनी नजर रखने के लिए अत्याधुनिक सीसीटीवी सर्विलांस सिस्टम का अभ्यास कराया जा रहा है। इसके साथ ही जवानों को आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए आधुनिक हथियारों और सुरक्षा उपकरणों के संचालन की ट्रेनिंग भी दी जा रही है।
क्विक रिस्पॉन्स टीम रहेगी तैनात
किसी भी अप्रिय घटना, तकनीकी खराबी या आपात स्थिति से तुरंत निपटने के लिए विशेष क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) का गठन किया गया है। ये टीमें हर स्थिति में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करेंगी।
CISF मॉडल पर विकसित होगी सुरक्षा व्यवस्था
नमो भारत ट्रेन की सुरक्षा व्यवस्था को दिल्ली मेट्रो की CISF सुरक्षा प्रणाली की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है।
- प्रत्येक स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार पर UP SSF के जवान तैनात रहेंगे
- महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए विशेष महिला दस्ता नियुक्त किया जाएगा
- UP SSF, स्थानीय पुलिस और NCRTC (नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन) के बीच बेहतर समन्वय रहेगा
क्या है UP SSF
उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल का गठन प्रदेश के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों जैसे अदालतों, धार्मिक स्थलों, मेट्रो परियोजनाओं और सरकारी भवनों की सुरक्षा के लिए किया गया है। नमो भारत कॉरिडोर में UP SSF की तैनाती से न केवल यात्रियों की सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि रेलवे और परिवहन संपत्तियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।
कॉरिडोर पर संचालन सुचारू
वर्तमान में नमो भारत ट्रेन के प्राथमिकता वाले खंड पर परिचालन सुचारू रूप से चल रहा है। जैसे-जैसे कॉरिडोर का विस्तार मेरठ की ओर हो रहा है, सुरक्षा कर्मियों की संख्या और गश्त भी बढ़ाई जा रही है। अधिकारियों का मानना है कि प्रशिक्षण पूरा होने के बाद सुरक्षा व्यवस्था और अधिक मजबूत व अभेद्य हो जाएगी।












