
गर्मी के मौसम में जब देशभर में तापमान तेजी से बढ़ रहा है, ऐसे में नैनीताल की बारापत्थर पहाड़ियों में स्थित एक गुफा पर्यटकों को शुद्ध, प्राकृतिक और बिल्कुल ठंडी हवा का अनोखा अनुभव दे रही है। स्थानीय लोग इसे “AC गुफा” कहते हैं — और नाम से ही जाहिर है कि यह गुफा बिना किसी मशीन के एयर कंडीशनर जैसा अहसास देती है।
बारापत्थर की इस गुफा की खासियत यह है कि इसके अंदर का तापमान बाहर के मुकाबले काफी कम होता है। विशेषज्ञों और स्थानीय निवासियों का मानना है कि यह ठंडक गुफा की बनावट, भूमिगत संरचना, और आस-पास फैले वृक्षों की जड़ों के कारण उत्पन्न होती है। हवा में मौजूद नमी और गुफा की सतहों से होने वाला प्राकृतिक वेंटिलेशन इसे प्राकृतिक रूप से ठंडा बनाए रखता है।
गर्मी में जब नैनीताल का तापमान 28 से 30 डिग्री सेल्सियस तक भी पहुंच जाता है, तब भी एसी गुफा के अंदर तापमान 15-18 डिग्री तक बना रहता है — और यही इसकी सबसे बड़ी खासियत है।
देश के कोने-कोने से नैनीताल घूमने आए सैलानी जब बारापत्थर की इस गुफा में प्रवेश करते हैं, तो उन्हें एकदम से ठंडी, ताजगी से भरी हवा का झोंका महसूस होता है। कई लोग इसे “प्राकृतिक एसी” का नाम देते हैं तो कुछ इसे “धरती की सांस” भी कहते हैं।
दिल्ली से आए एक पर्यटक सौरभ मेहरा ने बताया, “हमने सोचा था कि यह कोई आम गुफा होगी, लेकिन अंदर घुसते ही जैसे ठंडी हवा की बारिश हो गई। ये अनुभव जिंदगी भर याद रहेगा।”
गर्मी की छुट्टियों के दौरान इस गुफा में पर्यटकों की संख्या में भारी इजाफा हो रहा है। खासकर बच्चे और बुजुर्ग, जो ज़्यादा गर्मी बर्दाश्त नहीं कर पाते, उन्हें यह जगह बेहद राहत देती है। जिससे इसकी लोकप्रियता और बढ़ रही है। स्थानीय पर्यटन व्यवसायी मानते हैं कि अगर इस स्थान को सरकार की ओर से विशेष संरक्षण और प्रचार मिले तो यह नैनीताल के लिए एक नया आकर्षण केंद्र बन सकता है। यहां साइनबोर्ड, बैठने की व्यवस्था, और रास्तों को विकसित कर इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट किया जा सकता है।
कैसे पहुंचे?
स्थान: AC गुफा, बारापत्थर, नैनीताल
कैसे जाएं: नैनीताल बस स्टैंड से लगभग 4 किमी दूर, टैक्सी और पैदल दोनों विकल्प उपलब्ध हैं।
सबसे अच्छा समय: मार्च से जून (गर्मियों में ठंडी हवा का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन)
बारापत्थर की एसी गुफा न केवल एक ट्रैवल स्पॉट है, बल्कि यह प्रकृति के रहस्यमय और अद्भुत स्वरूप का साक्षात उदाहरण भी है। बिना किसी कृत्रिम साधन के, सिर्फ मिट्टी, पत्थर और जड़ों के मेल से ठंडी हवा पैदा करना — यह अपने आप में एक चमत्कार है। नैनीताल आने वालों के लिए यह गुफा अब सिर्फ एक स्थान नहीं, बल्कि एक अनुभव बन चुकी है।