
मुंबई की लोकल ट्रेन में हाल ही में हुई दर्दनाक दुर्घटना के बाद, जिसमें कुछ यात्रियों की मौत हो गई, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब मुंबई की सभी लोकल ट्रेनों में स्वचालित दरवाजे लगाए जाएंगे, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
रेलवे बोर्ड और चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्टरी (ICF) की टीम के साथ हुई अहम बैठक में यह फैसला लिया गया कि स्वचालित दरवाजों की व्यवस्था अब सिर्फ एसी ट्रेनों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि गैर-एसी लोकल ट्रेनों में भी इन्हें अनिवार्य रूप से लगाया जाएगा।
गैर-एसी ट्रेनों में बंद दरवाजों की सबसे बड़ी चुनौती हवा के आवागमन (वेंटिलेशन) की कमी है, जिससे दम घुटने की स्थिति बन सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए कोच डिजाइन में तीन बड़े बदलाव किए जाएंगे:
दरवाजों में लगाए जाएंगे लौवर (छिद्रयुक्त ढांचे) – जिससे ताजी हवा अंदर प्रवेश कर सके।
छत पर वेंटिलेशन यूनिट – जो लगातार अंदर की हवा को ताजा बनाए रखेंगे।
कोचों में वेस्टिबुल सिस्टम – जिससे यात्री एक कोच से दूसरे कोच में आसानी से जा सकें और भीड़ का दबाव एक जगह न बने।
नई ट्रेन नवंबर 2025 तक होगी तैयार
सूत्रों के अनुसार, इस नए डिजाइन की पहली ट्रेन नवंबर 2025 तक तैयार हो जाएगी। इसके बाद आवश्यक परीक्षण और प्रमाणन की प्रक्रिया के उपरांत, इसे जनवरी 2026 में मुंबई की पटरियों पर उतारा जाएगा। यह पूरी पहल मुंबई के लिए तैयार की जा रही 238 एसी ट्रेनों से अलग होगी। यानी यात्रियों को पहले से कहीं सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिलने वाला है।
रेल मंत्री के इस फैसले से साफ है कि रेलवे अब यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा दोनों को प्राथमिकता दे रहा है। वर्षों से चली आ रही खुली दरवाज़ों वाली संस्कृति अब धीरे-धीरे एक सुरक्षित और व्यवस्थित प्रणाली में बदलने जा रही है।
इस कदम से मुंबई जैसे भीड़भाड़ वाले महानगर में लाखों यात्रियों की जान और यात्रा दोनों सुरक्षित होंगी, और शायद यही वह बदलाव है जिसकी ज़रूरत वर्षों से महसूस की जा रही थी।