कर्नाटक में जेडीएस नेता कुमारस्वामी की ताजपोशी की तैयारियां पूरी हो चुकी है। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले जेडीएस नेता मंदिर गए इसके बाद शाम 4.30 बजे वह विधानसभा परिसर में सीएम पद की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह से पहले ही बेंगलुरु में जश्न का माहौल नजर आ रहा है। सुबह से ही कुमारस्वामी के घर के बाहर रंगारंग प्रस्तुतियां देखने को मिल रही हैं और समर्थक खुशी मना रहे हैं। एचडी कुमारस्वामी के साथ कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष जी परमेश्वर डिप्टी सीएम पद की शपथ लेंगे। विधानसभा के स्पीकर का पद भी कांग्रेस को मिला है, जबकि डिप्टी स्पीकर जेडीएस से होगा। इसके बाद गुरुवार को केआर रमेश कुमार को स्पीकर चुना जाएगा। कांग्रेस की ओर से जारी बयान में इसकी जानकारी दी गई।
कल फ्लोर टेस्ट
आज मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद कुमारस्वामी 24 मई को विधानसभा में बहुमत साबित करेंगे। विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के बाद कैबिनेट विस्तार किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक दोनों पार्टियों में कैबिनेट में जगह को लेकर भी बातचीत फाइनल हो गई है। कांग्रेस के 22 और जेडीएस के 12 विधायकों को कैबिनेट में जगह मिल सकती है। दूसरी ओर बीजेपी ने कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण का बॉयकॉट किया है। बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा गांधी प्रतिमा के साथ सुबह सवा ग्यारह बजे प्रदर्शन करेंगे। लेकिन इन सबके बीच कुमारस्वामी का शपथग्रहण समारोह विपक्ष की एकजुटता का ग्रैंड शो होने जा रहा है। हालांकि विपक्षी पार्टियों के दिग्गजों के बीच तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव समारोह में शामिल नहीं होंगे।
ये नेता होंगे शामिल
समारोह में शामिल होने वाले विपक्ष के दिग्गजों नेताओं में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी के अलावा बीएसपी प्रमुख मायावती, सपा नेता अखिलेश यादव, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी, तेजस्वी यादव, डीएमके नेता कनिमोझी समेत अन्य दिग्गज नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है। कुमारस्वामी ने सभी क्षेत्रीय नेताओं को व्यक्तिगत तौर पर समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। बता दें कि तेजस्वी यादव और ममता बनर्जी शपथ ग्रहण में हिस्सा लेने के लिए पहले ही बेंगलुरु पहुंच गए हैं।
वीआईपी सीटों को लेकर खींचतान
वहीं, दूसरी ओर शपथ ग्रहण समारोह को देखने के लिए लगाई जाने वाली वीआईपी सीटों पर भी अधिक हिस्सेदारी के लिए दोनों पार्टियों में खींचतान चल रही है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस विधायक दल की बैठक में विधायकों ने जोर दिया कि मंत्रिमंडल में उनकी पार्टी को वाजिब हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। इन विधायकों का कहना था कि वो चुनाव में जेडीएस के साथ तीखी लड़ाई के बाद जीते हैं और अगर कांग्रेस के किसी मंत्री को बुधवार को शपथ नहीं दिलाई जाती है, तो ये उनके लिए असहज स्थिति होगी।