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जानें कब मनाएं बसंत पंचमी, क्या है इसका महत्व

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इस साल वसंत पंचमी की तिथि को लेकर लोगों के बीच असमंजस बना हुआ है। कई पंचांगों के अनुसार वसंत पंचमी 2 फरवरी को बताई जा रही है, जबकि अन्य ज्योतिष गणनाओं के अनुसार इसे 3 फरवरी को मनाने की सलाह दी जा रही है। इसका मुख्य कारण यह है कि माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि इस बार 2 और 3 फरवरी, दोनों ही दिनों में पड़ रही है।

उदयातिथि के आधार पर 3 फरवरी को होगी वसंत पंचमी

हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार, किसी भी व्रत और पर्व की तिथि उदयातिथि के आधार पर तय की जाती है। पंचांग के अनुसार माघ शुक्ल पंचमी तिथि 2 फरवरी को दिन में 11:53 बजे शुरू होगी और 3 फरवरी को सुबह 9:39 बजे तक रहेगी। 3 फरवरी को सूर्योदय सुबह 6:40 बजे होगा, इसलिए उदयातिथि के अनुसार वसंत पंचमी 3 फरवरी को मनाई जाएगी। इसी दिन मां सरस्वती की पूजा विधि-विधान से की जाएगी।

वसंत पंचमी पर शुभ योग और विशेष मुहूर्त

इस वर्ष वसंत पंचमी पर दो शुभ योग—साध्य योग और रवि योग—का संयोग बन रहा है, जो इस दिन की महत्ता को और बढ़ा देता है।

3 फरवरी को सुबह 6:40 बजे से रात 11:16 बजे तक रहेगा। यह 3 फरवरी की सुबह से 4 फरवरी को तड़के 3:03 बजे तक रहेगा। इसके अलावा, इस दिन रेवती नक्षत्र भी रहेगा, जो रात 11:16 बजे तक प्रभावी रहेगा। उसके बाद अश्विनी नक्षत्र शुरू होगा।

सरस्वती पूजा के लिए शुभ मुहूर्त

वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने का विशेष महत्व है। इस दिन ज्ञान, संगीत, कला और विद्या की देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था, इसलिए इसे सरस्वती जयंती भी कहा जाता है। इस दिन पूजा करने से बुद्धि और ज्ञान का विकास होता है।

सरस्वती पूजन मुहूर्त

प्रातः 7:07 AM से 8:38 AM, दूसरा मुहूर्त 10:06 AM से 1:39 PM

वसंत पंचमी पर करें मां सरस्वती की उपासना

इस दिन मां सरस्वती की विशेष आराधना की जाती है। पूजा के दौरान इन मंत्रों का जाप करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

सरस्वती वंदना

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥

सरस्वती बीज मंत्र

ऐं ह्रीं श्रीं वाग्देव्यै नमः

सरस्वती गायत्री मंत्र

ॐ वाग्दैव्यै च विद्महे, कामराजाय धीमहि।
तन्नो देवी प्रचोदयात्।।

वसंत पंचमी का महत्व

वसंत पंचमी न केवल विद्या, संगीत और कला का पर्व है, बल्कि यह बसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक भी है। इस दिन मां सरस्वती के साथ कामदेव और रति की भी पूजा की जाती है। संपूर्ण भारत में इसे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, खासकर शिक्षा संस्थानों में विशेष पूजा-अर्चना होती है।

इस बार दो तारीखों को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई थी, लेकिन शास्त्रों के अनुसार 3 फरवरी को वसंत पंचमी मनाना उचित रहेगा। इस दिन शुभ मुहूर्त में मां सरस्वती की पूजा करने से जीवन में ज्ञान, समृद्धि और सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।