उत्तराखंड में पवित्र कैलाश मानसरोवर के दर्शन के लिए अब श्रद्धालुओं को चीन जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी। 15 सितंबर के बाद वे भारत की धरती से ही कैलाश मानसरोवर के दर्शन कर सकेंगे। उत्तराखंड सरकार दर्शन यात्रा की तैयारियों में जुटी हुई है। यात्रा नियमावली जल्द जारी की जाएगी। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जनपद के चीन सीमा से सटे ओल्ड लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर के दर्शन कराने की तैयारियां अंतिम चरण में हैं।
आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन करते हुए श्रद्धालु नाभीढांग से करीब 12 किलोमीटर की दूरी वाहन से तय करेंगे। पवित्र कैलाश पर्वत के दर्शन के लिए उन्हें समुद्र तल से 17,500 फीट की ऊंचाई पर ओल्ड लिपुलेख से व्यू पॉइंट की करीब 200 मीटर की दूरी पैदल तय करनी होगी। वहां से वे भगवान शिव के निवास स्थल कैलाश पर्वत का विहंगम दृश्य निहार सकेंगे। उन्हें पूजा-अर्चना, ध्यान आदि का अवसर भी मिलेगा।
ऑक्सीजन का भी होगा प्रबंध
सूत्रों के मुताबिक कैलाश पर्वत के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को सुबह के समय भेजा जाएगा। वहां हवा का दबाव ज्यादा होने के कारण पूरे दिन दर्शन कराना मुश्किल है। यात्रा कराने वाली एजेंसी को वहां यात्रियों के लिए ऑक्सीजन की वैकल्पिक व्यवस्था करनी होगी।
पिथौरागढ़ के जिला पर्यटन अधिकारी कीर्ति चंद्र आर्य के मुताबिक कैलाश पर्वत पर ऑक्सीजन का स्तर बेहद कम होने के कारण दिक्कत न हो, इसके लिए श्रद्धालुओं को पहले गुंजी में दो दिन ठहराया जाएगा। उसके बाद ही उन्हें आगे की यात्रा पर रवाना किया जाएगा।