जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय देश के प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थानों में से एक है लेकिन देशभर से सिर्फ दो फीसदी छात्र ही जेएनयू में पहुंच पाते है। जेएनयू में ई-लर्निंग केंद्र बनाया जा रहा है। जो 2019 में तैयार हो जाएगा। ऐसे में लोग कम फीस में बेहतर शिक्षा का प्राप्त कर पाएंगे। जेएनयू पहला ऐसा विश्वविद्यालय हैं, जो एमए इन संस्कृत कोर्स को ऑनलाइन शुरू करने जा रहा है।
हाल ही में हुई अकादमिक परिषद की बैठक में तीन कोर्स को ऑनलाइन शुरु करने मंजूरी दे दी गई थी। इनमें एमए इन संस्कृत, सर्टिफिकेट ऑफ प्रोफिशिएंसी इन कप्यूटेंशनल लिंगस्टविक और प्रोफिशिएंसी इन पाली शामिल हैं।बता दें कि, यूजीसी के नियमो के आधार पर ही विश्वविद्यालय में ई-लर्निंग कोर्स चलाया जाएगा। अभी तीन कोर्स ही जो ऑनलाइन शुरु किए जाएंगे। साथ ही और भी अन्य कोर्स को ऑनलाइन करने की तैयारी चल रही है। उन्होंने बताया कि ई-लर्निंग का पहला सत्र वर्ष 2019 के अगस्त माह तक शुरु हो जाएगा।
जेनयू के प्रो. रविकेश ने बताया कि ऑनलाइन नामांकन छात्रों के लिए महीनें में एक बार लाइव लेक्चर किया जाएगा। जिसके माध्यम से छात्र अपने सवाल और शंकाएं शिक्षकों से पूछ सकेंगे। साथ ही साथ ऑडियों के माध्यम से नामांकन छात्रों को पाठ्यक्रम सामग्री दी जाएगी। साथ ही प्रो. रविकेश ने बताया कोर्स को चलाने के लिए अभी अन्य संस्थानों से बात की जा रही है, लेकिन अभी तकनीकी सहायता के लिए इग्नू से मदद ली जाएगी।
प्रो. रविकेश ने बताया कि इसमें विवि शिक्षक के साथ शोधार्थी भी शामिल होंगे। उन्होंने समझाया कि मान लीजिए कि हमारे पास एक हजार छात्र ऑनलाइन इनरोल हैं, तो इनके परीक्षा का पेपर चेक करना और इसमें करेक्शन एक शिक्षक नहीं कर पाएगा। ऐसे में दस छात्रों पर एक शोधार्थी को रखा जाएगा, जो छात्रों को गाइड करेगा।