इस्राइल 2030 तक भारत से 5,800 यहूदियों को बसाएगा, कैबिनेट ने योजना को मंजूरी दी

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इस्राइल की नेतन्याहू सरकार ने भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में रहने वाले यहूदी समुदाय के पुनर्वास को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने तय किया है कि वर्ष 2030 तक विशेष योजना के तहत करीब 5,800 भारतीय यहूदियों को इस्राइल ले जाकर बसाया जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी के बाद यह फैसला अब आधिकारिक रूप से लागू होगा।

यह पहल मुख्य रूप से मिजोरम, मणिपुर और अन्य पूर्वोत्तर क्षेत्रों में रहने वाले बेने मेनशे समुदाय से जुड़ी है, जिन्हें यहूदियों की प्राचीन शाखा माना जाता है। यह समुदाय लंबे समय से इस्राइल में बसने और अपनी जड़ों से जुड़ने की इच्छा जताता रहा है। अब सरकार की स्वीकृति के बाद आने वाले वर्षों में इन परिवारों का चरणबद्ध रूप से पुनर्वास किया जाएगा।

योजना में पुनर्वास, आवास, हिब्रू भाषा प्रशिक्षण, रोजगार के अवसर और सामाजिक समायोजन जैसी आवश्यक सुविधाएं शामिल हैं। इस्राइल का कहना है कि समुदाय को नई जलवायु, संस्कृति और समाज के अनुरूप ढालने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जाएंगे।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला उत्तर-पूर्व भारत के यहूदी समुदाय के लिए ऐतिहासिक साबित होगा। इससे न सिर्फ उनकी ‘वापसी के अधिकार’ की प्रक्रिया को गति मिलेगी, बल्कि भारत और इस्राइल के सांस्कृतिक संबंध भी और मजबूत होंगे।