ट्रेनों पर नजर रखने के लिए भारतीय रेलवे नई तकनीकों का कर रहा उपयोग

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भारतीय रेलवे अपनी तकनीकों को लगातार अपडेट करता रहता है. इसी कड़ी में रेलवे ने अब 2700 ट्रेन इंजनों में रियल टाइम ट्रेन इन्फॉर्मेशन सिस्टम (RTIS) डिवाइस लगाए गए हैं. इससे जरिए रेलवे का प्रयास है कि गाड़ियों के एक्चुअल पोजिशन की सटीक जानकारी यात्रियों तक जल्द से जल्द पहुंचाई जा सके।

RTIS एक ऐसी तकनीक है जो हर 30 सेकंड पर ट्रेनों के रनिंग स्टेटस से जुड़ा डेटा मुहैया कराता है. आसान भाषा में कहें तो इस तकनीक के जरिए ट्रेनों के स्टेशन पहुंचने और रवाना होने के वक्त का सटीक अंदाजा लगा सकते हैं.

वर्तमान में 6500 इंजनों पर लगे डिवाइसेज से सैटेलाइट फीड कंट्रोल ऑफिस ऐप्लिकेशन में पहुंचता है, जिसकी बदौलत ट्रेनों की रियलटाइम जानकारी मिलती रहती है. वर्तमान में आरटीआईएस तकनीक के जरिए ट्रेन कंट्रोल गाड़ियों की लोकेशन और स्पीड पर और आसानी से नजर रख सकता है. और तो और, इसमें कोई मानवीय निगरानी की भी आवश्यकता नहीं है. इस तकनीक की मदद से यात्रियों को रियलटाइम सूचनाएं उपलब्ध कराने के अलावा ट्रेनों का रिजर्वेशन चार्ट ऑटोमैटिक तैयार हो जाता है.

21 इलेक्ट्रिक लोको शेड में 2700 इंजनों के लिए आरटीआईएस उपकरण स्थापित किए गए हैं। दूसरे चरण के रोल आउट के हिस्से के रूप में, इसरो के सैटकॉम हब का उपयोग करके 50 लोको शेड में 6000 और इंजनों को शामिल किया जाएगा। वर्तमान में, लगभग 6500 लोकोमोटिव (आरटीआईएस और आरईएमएमएलओटी) को सीधे कंट्रोल ऑफिस एप्लिकेशन (सीओए) में डाला जा रहा है। इसने सीओए और एनटीईएस एकीकरण के माध्यम से यात्रियों को ट्रेनों की स्वचालित चार्टिंग और नवीनतम जानकारी के सूचना प्रवाह को सक्षम किया है।