निःसंतान दम्पति को सफलता पाने के लिए करने होगें ये काम

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लखनऊ के गोमती नगर रिनाईसेन्स होटल ओवेरियन स्टुमिलेशन पर संगोष्ठी का भव्य आयोजन किया गया। जिसमें लखनऊ एवं आसपास क्षेत्र से 200 से भी अधिक स्त्रीरोग विशेषज्ञों ने भाग लिया। इसमें  स्त्रीरोग के बारे् में पूरी जानकारी दी गई।

आपको बता दे संगोष्ठी में मुख्य वक्ता दुबई से डॉ. गौतम इलाहाबादिया नौजूद थे, जिन्होंने ओवेरियन स्टुमिलेशन पर प्रकाश डाला। उन्होंने आईवीएफ क्षेत्र में नई-नई तकनीकों के उपयोग से मिल रही सफलता दर पर भी अपने विचार व्यक्त किए।

आईवीएफ तकनीक से किस तरह जटील से जटील केस को सुलझाया जा सकता है, इस पर अपने अनुभव भी साझा किए। इन्दिरा आईवीएफ के स्त्रीरोग एवं आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. पवन यादव ने एआरटी में महिला के अंदर अण्डे बनने और परिपक्व होकर बाहर फैलोपयन ट्यूब में आने के दौरान किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए और जिससे सफलता की संभावनाएं अधिक हो विषय पर अपना वक्तव्य रखा।

खबर है कि इस दौरान डॉ. राधिका बाजपेयी ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में निःसंतान दम्पतियों में आईवीएफ/इक्सी ईलाज के प्रति काफी रुझान बढ़ा है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है क्योंकि निःसंतानता की दर काफी ज्यादा है और लोगों को इसके प्रति जागरूक करने की जरूरत है।

डॉ. सुकृति शुक्ला ने कहा कि ई एंड वाई के 2015 के सर्वे के अनुसार भारत में 3 करोड़ से भी ज्यादा दम्पति निसंतानता से ग्रसित हैं। कार्यक्रम का संचालन डॉ. तान्या सिंह, डॉ. अर्चिता शालिन एवं डॉ. सोनल आनन्द ने किया।

डॉ. अमित कुरील ने अतिथियों का गुलदस्ता भेंटकर स्वागत किया। कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथियों में आईएमए लखनऊ के अध्यक्ष डॉ. रमा श्रीवास्तव  एवं डॉ. चन्द्रावती, डॉ. रूकसाना खान, डॉ. रेणु मक्कर, डॉ. रश्मि कुलश्रेष्ठ, डॉ. कविता बंसल एवं डॉ. तनुश्री गुप्ता थे।