
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति भवन में पराग्वे गणराज्य के राष्ट्रपति सैंटियागो पेना पलासियोस का स्वागत किया। उन्होंने पलासियोस के सम्मान में भोज का भी आयोजन किया।
भारत की पहली राजकीय यात्रा पर आए राष्ट्रपति पेना का स्वागत करते हुए राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि भारत और पराग्वे के बीच संबंध सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण रहे हैं। दोनों देश लोकतंत्र, मानवाधिकार, कानून का शासन, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांति, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान के सिद्धांतों और मूल्यों में विश्वास करते हैं। दोनों देश उन सिद्धांतों पर अडिग रहे हैं जिन्हें हम महत्वपूर्ण मानते हैं और ये सिद्धांत हमारे सभ्यतागत मूल्यों और ऐतिहासिक अनुभवों में निहित हैं।
राष्ट्रपति ने पहलगाम में हुए जघन्य आतंकवादी हमले के बाद आतंकवाद की कड़ी निंदा करने तथा एकजुटता का संदेश देने के लिए पराग्वे सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र जैसे बहुपक्षीय मंचों सहित वैश्विक महत्व के मामलों पर भारत के रूख का निरंतर समर्थन करने के लिए पराग्वे की सराहना की।
राष्ट्रपति ने भारत और पराग्वे के बीच द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि को लेकर प्रसन्नता व्यक्त की। हालांकि उनका कहना था कि व्यापार और वाणिज्यिक क्षेत्रों में संबंधों में विस्तार की काफी गुंजाइश है।
राष्ट्रपति ने कहा कि ग्लोबल साउथ का हिस्सा होने के कारण भारत और पराग्वे समान विकासात्मक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए हमारा दृष्टिकोण भी बहुत समान है जो कि शिक्षा, रोजगार और क्षमता निर्माण में निवेश से जुडा़ है। उन्होंने कहा कि भारत सतत विकास के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहा है और प्रौद्योगिकियों तक समान पहुंच व ‘डिजिटल अंतर’ को पाटना हमारी राष्ट्रीय प्राथमिकताएं हैं। उन्होंने कहा कि भारत को पराग्वे के साथ डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के क्षेत्र में अपने अनुभव साझा करने में प्रसन्नता होगी।
दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि आपसी संबंधों को और मजबूत करने की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि इस यात्रा से संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने और सहयोग के नए अवसर सृजित करने में मदद मिलेगी।