उत्तराखंड में मॉनसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है और आगामी दिनों में प्रदेश के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान जताया गया है। मौसम विभाग ने 11 जुलाई से 14 जुलाई तक के लिए ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है, खासकर पर्वतीय जिलों के लिए, जहां बारिश के कारण भूस्खलन और सड़क अवरोध जैसी आपदाएं सामने आ सकती हैं।
11 जुलाई: पिथौरागढ़ और बागेश्वर में भारी बारिश के आसार
शुक्रवार को मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों में तेज बारिश हो सकती है। यहां नदियों का जलस्तर बढ़ने और पहाड़ी रास्तों पर फिसलन व भूस्खलन की घटनाएं हो सकती हैं।
12 जुलाई: नैनीताल और चंपावत भी होंगे प्रभावित
शनिवार को पिथौरागढ़ और बागेश्वर के साथ-साथ नैनीताल और चंपावत जिलों में भी झमाझम बारिश का अनुमान है। इन क्षेत्रों में पर्यटकों और स्थानीय लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
13 जुलाई: देहरादून, नैनीताल और बागेश्वर में बहुत भारी बारिश की संभावना
रविवार को मौसम और अधिक उग्र रूप ले सकता है। देहरादून, नैनीताल और बागेश्वर जिलों में बहुत भारी बारिश हो सकती है, जबकि टिहरी, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, ऊधमसिंह नगर और चंपावत जिलों में भी तेज बारिश के आसार हैं।
14 जुलाई: राहत की उम्मीद नहीं, फिर बरसेंगे बादल
सोमवार को भी राहत की उम्मीद नहीं है। मौसम विभाग ने बताया है कि बागेश्वर, नैनीताल और रुद्रप्रयाग के कुछ इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। इससे पहले हो चुकी बारिश के कारण जमीन पहले से ही भीगी है, जिससे भूस्खलन का खतरा और बढ़ गया है।
प्रशासन सतर्क, आमजन से अपील
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) और जिला प्रशासन को सतर्क कर दिया गया है। संवेदनशील इलाकों में निगरानी बढ़ा दी गई है। पर्यटकों को पहाड़ी मार्गों पर अनावश्यक यात्रा से बचने और मौसम अपडेट्स पर नजर रखने की सलाह दी गई है।
मौसम विभाग ने स्पष्ट किया है कि पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को सतर्क रहना चाहिए और बारिश के दौरान नदियों या जलधाराओं के पास न जाने की चेतावनी दी गई है।
उत्तराखंड में अगले कुछ दिन चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते हैं। भारी बारिश के साथ संभावित आपदाओं को देखते हुए प्रशासन ने राहत एवं बचाव दलों को सक्रिय कर दिया है। नागरिकों से अपील की गई है कि वे केवल आवश्यक होने पर ही यात्रा करें और मौसम से संबंधित सरकारी निर्देशों का पालन करें।













