यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा समेत चार गिरफ्तार, ऑपरेशन सिंदूर और सुरक्षा प्रतिष्ठानों से जुड़ी जानकारी लीक करने का आरोप

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भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने देश की सुरक्षा के खिलाफ एक बड़ी साजिश का पर्दाफाश किया है। यूट्यूबर और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ज्योति मल्होत्रा समेत चार लोगों को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई हाल ही में “ऑपरेशन सिंदूर” और उत्तर भारत में ब्लैकआउट जैसी घटनाओं के बाद शुरू की गई जांच का हिस्सा है।

पाक उच्चायोग के संपर्क में थी ज्योति मल्होत्रा

सूत्रों के अनुसार, 6 मई को ऑपरेशन सिंदूर से ठीक एक दिन पहले, ज्योति मल्होत्रा नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारी दानिश और अन्य संदिग्ध व्यक्तियों से मिली थी। यह मुलाकात पहले से ही कई खुफिया एजेंसियों के रडार पर थी। जांच में यह भी सामने आया कि मल्होत्रा Narrative Building के माध्यम से पाकिस्तान के पक्ष में माहौल बनाने का काम कर रही थी।

गिरफ्तार आरोपियों की सूची

ज्योति मल्होत्रा – यूट्यूबर और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर, हिसार (हरियाणा) निवासी

नौमान इलाही – सिक्योरिटी गार्ड, पानीपत (उत्तर प्रदेश निवासी)

देवेंद्र सिंह ढिल्लों – कैथल (हरियाणा) निवासी

अरमान – राजाका गांव, नूंह (हरियाणा) निवासी

इन सभी पर आरोप है कि उन्होंने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों को भारत की सैन्य और सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारियाँ दीं।

हिसार के एसपी शशांक सावन ने कहा, “आधुनिक युद्ध सिर्फ मैदान में नहीं लड़ा जाता, बल्कि नैरेटिव बिल्डिंग के जरिए भी दुश्मन को कमजोर किया जाता है।” उन्होंने बताया कि मल्होत्रा की विदेश यात्राओं और आय-व्यय में भारी असंतुलन पाया गया है, जिससे शक गहराया। वह लंबे समय से केंद्रीय एजेंसियों की निगरानी में थी।

अरमान का आतंकियों से कनेक्शन

विशेष रूप से अरमान के मामले में सुरक्षा एजेंसियों को आतंकी लिंक मिले हैं। उसने न सिर्फ पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के संपर्क में रहकर भारतीय सिम कार्ड्स की व्यवस्था की, बल्कि नई दिल्ली में संदिग्ध गतिविधियों में भी शामिल था। वह एक रक्षा प्रदर्शनी की जानकारियाँ भी पाकिस्तान को भेज चुका है। उसे 15 मई की रात फिरोजपुर झिरका से गिरफ्तार किया गया।

राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा

यह खुलासा भारतीय सुरक्षा तंत्र की चौकसी और सक्रियता को दर्शाता है, लेकिन साथ ही यह भी साबित करता है कि अब युद्ध का मैदान डिजिटल और वैचारिक होता जा रहा है। सोशल मीडिया, यूट्यूब और इन्फ्लुएंसर्स के माध्यम से भी दुश्मन देश सॉफ्ट टारगेट्स के जरिए भारत की सुरक्षा को कमजोर करने की कोशिशें कर रहे हैं।

जांच एजेंसियों ने इस मामले की गहराई से छानबीन शुरू कर दी है और यह संभावना जताई जा रही है कि इस नेटवर्क में और भी लोग शामिल हो सकते हैं।