साधु रावण की भूमिका में दिखे पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल

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रुद्रपुर इंदिरा कालोनी में श्री शिव नाटक क्लब द्वारा आयोजित रामलीला के मंचन के नवें दिन विधानसभा के उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी,कांग्रेस के जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा, एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। इसके बाद प्रभु श्री राम लीला का मंचन शुरू हुआ। रावण मामा मारीच के पास पहुंचता है और उसे स्वर्ण मृग बनने को कहता है जिससे वो सीता का हरण कर सके, मारीच और रावण का भीषण संवाद होता है। मारीच स्वर्ण मृग बनकर पंचवटी में जाता है। जिसे सीता माता देखकर रीझ जाती हैं और प्रभु श्री राम से मृग को पकड़ कर लाने की बात कहती हैं।

प्रभु श्री राम स्वर्ण मृग का पीछा करते-करते दूर जंगल में निकल जाते हैं और वहां से मारीच, जो कि मृग बना होता है प्रभु श्री राम की आवाज में लक्ष्मण को पुकारता है। लक्ष्मण को उनकी सहायता के लिए जाने को कहती हैं लेकिन लक्ष्मण उनको समझाने की कोशिश करता है। सीता उनकी बात को न मानकर श्री राम की सहायता में जाने के लिए कहती हैं। थोड़ी देर रावण साधु भेष में कुटिया में प्रवेश करता। चारों एक रेखा बनी हुई है जिसके अंदर प्रवेश करना मुश्किल है तो वह षड्यंत्र रचकर सीता को लक्ष्मण रेखा से बाहर बुलाता है और सीता का हरण करके लंका की ओर ले जाता है। सीता हरण से लेकर प्रभु श्री राम और किष्किंधा के राजा सुग्रीव से भेंट तक प्रभु श्री राम लीला का मंचन हुआ। साधु रावण की भूमिका में पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल रहे।