उत्तराखंड में फिट इंडिया और ईट राइट इंडिया अभियान को मिला नया आयाम

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिट इंडिया अभियान को धरातल पर उतारने के लिए उत्तराखंड सरकार ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। इस कड़ी में राज्य सरकार ने सबसे पहले शैक्षणिक संस्थानों को प्राथमिकता दी है, ताकि छात्र-छात्राओं में स्वास्थ्य और संतुलित आहार के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके।

ईट राइट इंडिया अभियान के तहत बड़ा कदम

ईट राइट इंडिया अभियान के तहत स्कूलों में संतुलित आहार को बढ़ावा देने के लिए ईट राइट थाली की जानकारी देने की योजना बनाई गई है। स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में विद्यालयी शिक्षा, समाज कल्याण, कौशल विकास एवं सेवायोजन, संस्कृत शिक्षा और तकनीकी शिक्षा विभाग को पत्र भेजकर आवश्यक कदम उठाने को कहा है।

सभी स्कूलों में दिखेगी ‘ईट राइट थाली’

शैक्षणिक संस्थानों में टीन प्लेट और डिस्पले बोर्ड के माध्यम से ईट राइट थाली का प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
इसमें बताया जाएगा कि संतुलित आहार में क्या-क्या शामिल होना चाहिए और बच्चों के पोषण के लिए कौन से खाद्य पदार्थ सबसे बेहतर हैं।

खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने वर्ष 2020 में स्कूली बच्चों के लिए खाद्य सुरक्षा मानक तय किए थे, जिनके अनुरूप यह अभियान संचालित किया जाएगा। फिट इंडिया अभियान को मजबूती देने के लिए विद्यालयी शिक्षा विभाग छह ईट राइट किचन तैयार करने का प्रस्ताव बना रहा है, जिसे जल्द ही केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। ये किचन आधुनिक सुविधाओं से युक्त होंगे, ताकि छात्रों को पौष्टिक भोजन मिल सके। स्कूलों में फिट इंडिया और ईट राइट का संदेश देने के लिए डिस्पले बोर्ड, जागरूकता कार्यक्रम और ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाने की योजना बनाई जा रही है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अपील

“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वस्थ भारत का जो आह्वान किया है, उसे धरातल पर उतारने के लिए उत्तराखंड पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सरकार इस दिशा में तेजी से कार्य कर रही है। स्वस्थ उत्तराखंड और स्वस्थ भारत बनाने के लिए यह जरूरी है कि सभी लोग संतुलित आहार पर ध्यान दें। मैं सभी नागरिकों से इस अभियान में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की अपील करता हूं।”
— पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड

फिट इंडिया और ईट राइट इंडिया अभियान के जरिए उत्तराखंड सरकार बच्चों और युवाओं को संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली के प्रति जागरूक कर रही है। यह पहल न केवल स्कूलों में पोषण स्तर सुधारने में मददगार होगी, बल्कि स्वस्थ भारत के संकल्प को भी मजबूती देगी।