चारधाम यात्रा में बिना पंजीकरण प्रवेश वर्जित, प्रत्येक तीर्थयात्री के लिए पंजीकरण अनिवार्य

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चारधाम यात्रा पर जाने की तैयारी कर रहे श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना सामने आई है। प्रदेश सरकार ने इस वर्ष चारधाम यात्रा में पंजीकरण को पूरी तरह अनिवार्य कर दिया है। अब बिना पंजीकरण के किसी भी तीर्थयात्री को चारधामों के दर्शन करने की अनुमति नहीं मिलेगी।

चारधाम यात्रा के प्रमुख मार्गों सोनप्रयाग, पांडुकेश्वर, हिना और बड़कोट में पंजीकरण की सख्ती से जांच की जाएगी। यात्रा के दौरान हर तीर्थयात्री को अपना पंजीकरण प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। यदि कोई यात्री पंजीकरण नहीं करवाता है तो उसे यात्रा मार्ग में ही रोक दिया जाएगा और आगे बढ़ने की अनुमति नहीं मिलेगी।

मुख्यमंत्री के सचिव एवं गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने स्पष्ट किया कि यह नियम केवल चारधाम यात्रा के श्रद्धालुओं पर लागू होगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश के अन्य पर्यटन स्थलों पर आने वाले आम पर्यटकों के लिए पंजीकरण की अनिवार्यता नहीं रखी गई है। इससे धार्मिक यात्रा और पर्यटन गतिविधियों में स्पष्ट भेद किया गया है।

सरकार ने तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से पंजीकरण की व्यवस्था की है। श्रद्धालु घर बैठे ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं या फिर यात्रा मार्ग पर बने पंजीकरण केंद्रों पर जाकर ऑफलाइन पंजीकरण भी करवा सकते हैं।

क्यों किया गया पंजीकरण अनिवार्य?

चारधाम यात्रा के दौरान बढ़ती भीड़, तीर्थस्थलों पर व्यवस्था बनाए रखने, तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और आपातकालीन स्थितियों में बेहतर प्रबंधन के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है। सरकार का मानना है कि पंजीकरण से यात्रा अधिक सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाई जा सकेगी।

ऑनलाइन पंजीकरण कैसे करें?

चारधाम यात्रा के लिए सरकार द्वारा निर्धारित आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

आवश्यक विवरण भरें और मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।

पंजीकरण पूरा होने के बाद प्राप्त प्रमाणपत्र को यात्रा के दौरान अपने साथ रखें।