
हमारे शरीर में किडनी (गुर्दे) का कार्य सिर्फ मूत्र निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह रक्त को फिल्टर कर विषैले तत्वों को शरीर से बाहर निकालने जैसे कई महत्वपूर्ण कार्य करती है। आमतौर पर दो किडनियां होती हैं, जो कमर के पास पसलियों के नीचे स्थित होती हैं। लेकिन कई बार इन अंगों में खराबी आ जाने पर शरीर के लगभग हर हिस्से पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, किडनी में खराबी धीरे-धीरे होती है और शुरुआती लक्षण इतने हल्के होते हैं कि उन्हें अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है, जिससे स्थिति गंभीर हो सकती है। यदि समय रहते इन लक्षणों को पहचान लिया जाए और सही इलाज शुरू कर दिया जाए, तो किडनी को डैमेज होने से बचाया जा सकता है।
किडनी खराब होने के शुरुआती लक्षण
यूरिन पैटर्न में बदलाव, बार-बार पेशाब आना या कम मात्रा में आना
लगातार थकान महसूस होना
त्वचा पर खुजली या एलर्जी, शरीर के किसी भी हिस्से पर हो सकती है
शरीर में सूजन, खासकर पैरों, टखनों और चेहरे पर
भूख में कमी और मतली या उल्टी की शिकायत
नींद न आना और सांस लेने में तकलीफ
इन लक्षणों को पहचानना और गंभीरता से लेना बहुत जरूरी है। ये संकेत देते हैं कि किडनी पूरी तरह से विषैले पदार्थों को बाहर नहीं निकाल पा रही है, जिससे शरीर में टॉक्सिन्स जमा होने लगते हैं।
क्या करें?
इन लक्षणों के दिखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
पानी के सेवन को संतुलित रखें, खासकर डॉक्टर की सलाह पर।
डाइट में बदलाव करें — कम नमक, कम प्रोटीन और प्रोसेस्ड फूड से परहेज करें।
डायबिटीज और हाई बीपी के मरीज विशेष सावधानी बरतें क्योंकि ये किडनी को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं।
नियमित जांच कराते रहें — खासकर यदि पहले से कोई बीमारी है या किडनी में परेशानी का संदेह है।
कई मामलों में लोग किडनी की परेशानी को तब पहचानते हैं जब स्थिति काफी बिगड़ चुकी होती है। ऐसे में डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ सकती है। लेकिन अगर शुरुआत में ही सावधानी बरती जाए और उचित चिकित्सा ली जाए, तो किडनी की कार्यक्षमता को लंबे समय तक बनाए रखा जा सकता है।
इसलिए यदि आप या आपके परिजन उपरोक्त में से कोई भी लक्षण अनुभव करें, तो लापरवाही न करें। किडनी की सुरक्षा, आपके पूरे शरीर की सेहत के लिए जरूरी है।