
प्रदेश की धामी सरकार एक ओर अपने तीन साल पूरे होने के जश्न की तैयारी कर रही है, वहीं दूसरी ओर नवरात्र पर कैबिनेट नए रूप में दिखाई देगी। कैबिनेट में पांच खाली पद भरे जाने के साथ ही तीन कैबिनेट मंत्रियों की विदाई के संकेत मिल रहे हैं। नए मंत्रिमंडल का जो ड्राफ्ट तैयार हो रहा है, उसमें जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों का खास ध्यान रखा गया है। इस ड्राफ्ट पर केंद्रीय नेतृत्व की मुहर लगनी है। हालांकि मुख्यमंत्री दिल्ली दौरे को कैबिनेट में बदलाव की संभावना के तौर पर देखा गया। लेकिन सूत्रों के मुताबिक, धामी का यह दौरा एक विवाह समारोह में शामिल होने को लेकर था। कैबिनेट में फेरबदल को लेकर केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा करने के लिए धामी बाद में दिल्ली जाएंगे।बहरहाल सूत्रों का कहना है कि नई कैबिनेट का जो ड्राफ्ट तैयार किया गया है, उसमें तीन वरिष्ठ मंत्रियों की विदाई की संभावना जताई जा रही है। तीनों मंत्रियों की विदाई का आधार उनकी परफारमेंस बनेगी। कैबिनेट में पंजाबी समाज के विधायक को जगह मिल सकती है।
क्षेत्रीय व जातीय संतुलन के हिसाब से वरिष्ठता व अनुभव के आधार पर मंत्री बनाया जा सकता है। कैबिनेट में बदलाव को लेकर केंद्रीय नेताओं से पहले बातचीत होगी। चर्चा का यह सिलसिला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बंगलूरू में 21 से 23 तक होने वाली प्रतिनिधि सभा के बाद शुरू हो सकता है।
पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष प्रतिनिधि सभा में शामिल होंगे। 23 मार्च को सरकार के तीन साल पूरे हो जाएंगे। इसके बाद सीएम धामी केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत करने के लिए दिल्ली जा सकते हैं। तब तक केंद्रीय नेताओं के आरएसएस की प्रतिनिधि सभा से लौट आने की संभावना है। इन सभी परिस्थितियों के आधार पर अब यही माना जा रहा है नवरात्र में कैबिनेट में फेरबदल की कवायद को अंजाम दिया जा सकता है।