स्विटजरलैंड के Davos में चल रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में पीएम मोदी ने 20 साल बाद भारत का प्रतिनिधित्व कर भारत की बढ़ती वैश्विक धाक का परिचय करा दिया। विश्व आर्थिक मंच पर प्रधानमंत्री का सभी मुद्दों पर बेबाकी से बोलना ये बताता है कि अब वैश्विक पटल पर भारत की छवि बेहतर होने लगी है और दुनिया के सामने मजबूत स्तंभ के रूप में खड़ा हो रहा है।
वैसे तो पीएम मोदी ने अपने भाषण आंतकवाद से लेकर जलवायु परिवर्तन सरीखे कई बातों का जिक्र किया, मगर भाषण खत्म करते-करते उन्होंने इशारों-इशारों में विदेशी निवेशकों को भारत में आने का निमंत्रण भी दे दिया।
साल 2018 में दावोस में सजे इसी वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मंच से प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकाल के दौरान भारत की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए ऐलान किया कि 2025 तक भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगी।
इस दावे के साथ प्रधानमंत्री ने दुनियाभर से एकत्र हुए कारोबारियों और सरकारों से भारत में बड़ा निवेश लाने की पेशकश की। मोदी ने मंच से पूरी दुनिया को आश्वस्त किया कि ईज ऑफ डूईंग बिजनेस इंडेक्स में उंची मिलने के बाद भारत वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में एक मात्र चमकता सितारा है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी बहुमत की सरकार है।
काफी समय बाद भारत में करोड़ों मतदाताओं ने बहुमत की सरकार चुनी है। हमने रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म की नीतियों के बदलने की कवायद की है। हमने भारत में किसी तरह का काम करना आसान बना दिया है। इसी का नतीजा है कि भारत में निवेश करना, कारोबार करना, टूरिज्म के लिए जाना इत्यादि पहले की तुलना में बहुत आसान हो चुका है। पारदर्शिता बढ़ाने के लिए हम तकनीक का भरपूर इस्तेमाल कर रहे है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत में रेड टेप हटाकर रेड कार्पेट बिछाया जा रहा है।
ज्यादातर क्षेत्रों में ऑटोमैटिक रूट के जरिए विदेशी निवेश को मंजूरी दे दी गई है। भारत में बीते तीन साल के अंदर सैकड़ों पुराने और बेकार हो चुके कानून को हटाने का काम किया है। यही वजह है कि देश में पार्दर्शिता को बढ़ाने के लिए देश में जीएसटी लागू किया गया है, जिसकी स्वीकार्यता भारत के लोगों ने दी है।
सूत्रों के मुताबिक 1971 से प्रतिवर्ष आयोजित इस सम्मेलन में दुनियाभर की सरकारों के प्रमुख समेत हजारों की संख्या में सीईओ और आईएमएफ, वर्ल्ड बैंक समेत अन्य वैश्विक संस्थाओं के प्रमुख शिरकत करते हैं। तीन से चार दिन तक चलने वाले इस सम्मेलन के विषय पर जानकारों का मानना है।
यह वैश्विक स्तर पर रईसों का क्लब है और इस सम्मेलन के दौरान वैश्वीकरण की नीतियों के साथ-साथ कई वैश्विक चुनौतियों से एक साथ मिलकर लड़ने की गैर-अधिकारिक रणनीति तैयार होती है। वहीं वैश्विकरण के उद्देश्य पर ही इस सम्मेलन के दौरान दुनियाभर के देश अपने लिए बड़े निवेश की संभावनाओं को भी तलाश करते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि अब भारत के युवा 2025 में 5 मीलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में योगदान देने के लिए सक्रिय हैं। भारत के युवा जॉब सीकर नहीं जॉब गिवर बनेंगे। इस तरह से देखा जाए तो भारत में निवेशकों को लुभाने के लिए हिसाब से पीएम मोदी ने अपने भाषण के जरिये तीर चल दिया।