बीते दिसंबर में चीन के वुहान शहर में तबाही की शुरुआत करने के बाद कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया के साथ भारत की तस्वीर और तकदीर बदलने की कोशिश की। भारत ने कोरोना को करारा जवाब दिया और आज दुनिया के कई विकसित देशों की तुलना में हम इस विनाशकारी वायरस का बहुत अच्छी तरह मुकाबला कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की एकजूट जनता ने एक महामारी को फैलने से काफी हद तक सफलतापूर्वक रोका है। कोरोना को रोकना हालांकि इतना आसान नहीं है। लॉकडाउन के कारण लोग अपने घरों में सिमट गए, यातायात के साधनों के साथ ही आर्थिक गतिविधियों के पहिये रुक गए, लोगों की जिंदगी एक जगह थम गई और देश के हिस्से कोरोनो वायरस के असर के आधार पर रेड, यलो और ग्रीन झोन्स में विभाजित हो गए। महामारी अभी तक खत्म नहीं हुई है! सुरक्षित रहने और कोरोना के संक्रमण की रोकथाम के लिए सभी आवश्यक एहतियाती उपायों का पालन करें।
देश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार ने एक बार फिर डरा दिया है. पिछले 24 घंटे में करीब 41 हजार नए कोरोना केस सामने आए हैं. इसके साथ ही देश में अबतक कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की कुल संख्या 1,15,55,284 हो गई है. देश में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या 2,88,394 है, जबकि अब तक 1,11,07,332 लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं. अब तक देश में 4,20,63,392 लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है. कोरोना (Covid) के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार एक्शन में है.
नागपुर
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए नागपुर में लॉकडाउन की अवधि को बढ़ा दिया है. अब नागपुर में 31 मार्च तक लॉकडाउन रहेगा. इस दौरान स्कूल को बंद कर दिया है. दुकानों को भी केवल शाम 4 बजे तक खोलने की अनुमति है. आवश्यक कॉमोडिटीज को छोड़कर मुख्य बाजार बंद रहेंगे.
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में कोरोना का कहर जारी है. राज्य में शुक्रवार को 24 घंटे में 25 हजार से ज्यादा नए केस सामने आए हैं. वहीं, 70 लोगों की मौत हुई है. शुक्रवार को 24 घंटे में भारत में कोरोना के करीब 40 हजार केस सामने आए हैं. जिसमें महाराष्ट्र का हिस्सा 25,681 है. मुंबई की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती धारावी (Dharavi) में मार्च में अब तक कोरोना वायरस के 272 मामले आए हैं. जबकि फरवरी में कुल 168 मामले आए थे. इस हिसाब से संक्रमण के मामले 62 प्रतिशत बढ़े हैं. हालांकि, पिछले साल के मुकाबले इस बार स्थिति से निपटने के बेहतर तरीके हैं. जानकारी के मुताबिक धारावी में एक दिन में संक्रमण के मामले इस महीने तेजी से बढ़ रहे हैं. 19 मार्च तक 272 मामले दर्ज किए गए।कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने एक बार फिर 31 मार्च तक के लिए कोरोना की नई गाइडलाइंस जारी कर दी हैं. जिसके तहत प्राइवेट ऑफिस 50 प्रतिशत क्षमता के साथ काम करेंगे. सभी रेस्तरां, होटल और सिनेमा हॉल में मास्क पहनना, तापमान जांचना और हाथों को सैनेटाइज करना जरूरी होगा. शादी समारोहों में मेहमानों की संख्या 50 से ज्यादा नहीं होगी. इसके अलावा सभी सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और धार्मिक समारोहों पर पूरी तरह से प्रतिबंध होगा.
राजधानी दिल्ली
राजधानी दिल्ली में भी शुक्रवार को कोरोना वायरस के 716 नए मामले सामने आए, जो इस साल अब तक आए सबसे अधिक दैनिक मामले हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 3,165 हो गई है. संक्रमण दर 0.76 प्रतिशत से बढ़कर 0.93 प्रतिशत पहुंच गई है.
पंजाब
पंजाब में भी कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए सभी स्कूल और कॉलेज को 31 मार्च तक बंद कर दिया गया है. इसके साथ की कॉलेज के एग्जाम को भी टाल दिया गया है. मेडिकल और नर्सिंग कॉलेज को छोड़कर सभी शैक्षणिक संस्थान 31 मार्च तक बंद रहेंगे. सिनेमा हॉल में 50 फीसदी की क्षमता को अनुमति दी गई है. सभी सोशल एक्टिविटी को 2 हफ्ते तक के लिए रद्द करने की अपील की गई है.
मध्य प्रदेश
मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के 417 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही प्रदेश में इस वायरस से अब तक संक्रमित पाए गए लोगों की कुल संख्या 2,62,850 तक पहुंच गए।राज्य में पिछले 24 घंटों में इस बीमारी से किसी की भी मौत नहीं हुई। प्रदेश में अब तक इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 3,865 है। यह जानकारी मध्यप्रदेश स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने दी है। अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में कुल 2,62,850 संक्रमितों में से अब तक 2,55,888 मरीज स्वस्थ होकर घर चले गए हैं और 3,097 मरीज़ों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है.कोरोना के भीषण प्रकोप को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने महाराष्ट्र से आने-जाने वाली यात्री बसों पर 20 मार्च यानी आज से रोक लगा दी है. जबकि भोपाल, इंदौर और जबलपुर में 21 मार्च को लॉकडाउन रहेगा.
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या सरकार हालात को सुधारने के लिए एक बार फिर फुल लॉकडाउन (Lockdown) का उपयोग करेगी या नहीं वैसे तो लॉकडाउन (Lockdown) का नाम सुनते ही सभी का हाल बेहाल हो जाता है। बितेह साल देश में बड़ते कोरोना के केस को रोकने के लिए पुरे देश में सरकार द्वारा लॉकडाउन लगा दिया गया था। लोगो की ज़िन्दगी जैसे रुक सी गयी थी ऐसे में एक बार फिर से लोगो को देश में लॉकडाउन लगने का डर लगा हुआ है।
कोरोना वायरस के अब तक साढ़े पांच हजार से ज्यादा म्यूटेंट वैरिएंट (उत्परिवर्ती या बदला हुआ प्रकार) सामने आ चुके हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) इंदौर ने अपने शोध में यह दावा किया है। कोरोना वायरस में मौजूद प्रोटीन में बदलाव से उसका स्वरूप बदलता है। इसी प्रोटीन का जुड़ाव या बंधन बदलने से ही वायरस का प्रकोप और प्रभाव भी बदल रहा है। इन वैरिएंट में से लगभग सभी भारत के मरीजों में मिल चुके हैं। आइआइटी इंदौर के बायोसाइंस और बायोमेडिकल साइंस विभाग के इस शोध को अंतरराष्ट्रीय रिसर्च जर्नल ‘हेलियान” ने प्रकाशित किया है।
देश में महामारी के आने के साथ ही आइआइटी इंदौर की वायरोलाजी लैब कोविड-19 के अध्ययन में लगी है। ताजा शोध को आइआइटी के बायोसाइंस के प्रोफेसर हेमचंद्र झा और छह अन्य शोधार्थियों ने मिलकर अंजाम दिया है। प्रो. हेमचंद्र के अनुसार कोरोना के लिए जिम्मेदार वायरस सार्स कोविड-19 में तीन प्रमुख तरह के प्रोटीन होते हैं।
दुनियाभर में अब तक कोरोना वायरस से 12 करोड़ 13 से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 26 लाख 84 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि कोरोना वायरस महामारी में एक साल बिताने के बाद कोविड-19 के विभिन्न संकेतों और लक्षणों को लेकर लोग अधिक जागरूक और जानकार हो गए हैं।
कोरोना वायरस के नए लक्षण
वैसे तो इसके कई सारे लक्षण हैं, जिसमें अब स्किन रैशेज (त्वचा पर चकत्ते) को भी शामिल कर लिया गया है। एक नए शोध में इसके बारे में बताया गया है। ब्रिटिश जर्नल ऑफ डर्मेटोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन में यह पाया गया है कि त्वचा पर चकत्ते वयस्कों के बीच कोरोना संक्रमण का एक मजबूत शुरुआती संकेतक बन गए हैं। कभी-कभी एलर्जी की वजह से भी त्वचा पर चकत्ते निकल आते हैं, आप इसे नजरअंदाज कर सकते हैं, लेकिन ये चकत्ते अगर लाल हैं और किसी गांठ की तरह दिखाई दे रहे हैं तो यह कोविड-19 के कारण होने वाली सूजन के कारण हो सकता है। इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें।
कोरोना के अन्य लक्षण
बुखार, सूखी खांसी, थकान
खुजली और दर्द
गले में खराश
दस्त
आंख आना, सिरदर्द
स्वाद और गंध न पता चलना
सांस लेने में दिक्कत या सांस फूलना
सीने में दर्द या दबाव