मध्य प्रदेश के उज्जैन में साल 2011 में भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं से भिड़ंत के मामले में इंदौर की विशेष अदालत ने मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह समेत छह लोगों को शनिवार को एक-एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई ।
अदालत ने सभी छह दोषियों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। विशेष न्यायाधीश ने दिग्विजय और उज्जैन के पूर्व लोकसभा सांसद प्रेमचंद गुड्डू को भारतीय दंड संहिता IPC की धारा 325 (जान-बूझकर गंभीर चोट पहुंचाना) और धारा 109 (दूसरे लोगों को मारपीट के लिए उकसाना) के तहत दोषी ठहराया, जबकि चार अन्य व्यक्तियों-अनंत नारायण, जय सिंह दरबार, असलम लाला और दिलीप चौधरी को धारा 325 के तहत दोषी करार दिया गया ।
आपको बता दे की सभी आरोपियों पर उज्जैन में मारपीट करने का आरोप था। दोष सिद्ध होने के तुरंत बाद आरोपी राहुल शर्मा के अधिवक्ताओं, वकील अनूप सिंह दरबार और अधिवक्ता रवींद्र पाठक ने शराबबंदी के लाभ के लिए आवेदन किया, जिसमें आरोपी व्यक्तियों को जमानत दे दी गई। अदालत ने अंतर सिंह दरबार और दो अन्य लोगों को बरी कर दिया है।
अंतिम निर्णय के बाद उन्होंने ट्वीट किया, “11 साल पुराने जिस मामले में मेरा नाम प्राथमिकी में भी नहीं था, उसे बाद में राजनीतिक दबाव में जोड़ा गया, मुझे दंडित किया गया। मैं एक अहिंसक व्यक्ति हूं और हमेशा हिंसक गतिविधियों का विरोध करता रहा हूं।”
ADJ Court का आदेश है उच्च न्यायालय में अपील करेंगे। मैं ना भाजपा संघ से डरा हूँ ना कभी डरूँगा चाहे कितने ही झूठे प्रकरण बना दें और कितनी ही सज़ा दे दी जाए।
२/२— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 26, 2022
उन्होंने कहा, “एडीजे कोर्ट का आदेश है कि हाईकोर्ट में अपील की जाए। मैं न तो भाजपा संघ से डरता हूं और न ही कभी डरूंगा चाहे कितने ही झूठे मुकदमे बन जाएं और कितनी सजाएं दी जाएं।”