देश की मौजूदा सियासत में सभी पार्टियां गठबंधन के सहारे सत्ता के सिंहासन पर पहुंचने की कवायद में जुटी हैं। सभी पार्टियां एक दूसरे का हाथ थाम कर चुनावी वैतरनी पार करने की कोशिश में जुट गई हैं। आम लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा पार्टी ने गठबंधन कर लिया हैं।
वहीं दूसरी तरफ यूपी से चुनाव लड़ने के लिए अपना दल और आप पार्टी ने गठबंधन कर लिया हैं। इन सभी गठबंधन में सबसे ज्यादा विवादित गठबंधन समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी का रहा क्योकि 26 साल पहले हुए चर्चित गेस्ट हाउस कांड के बाद दोनों पार्टियों के बीच दरार आ गई थी।
गेस्ट हाउस कांड जून 1995 में हुआ था, जब मुलायम सिंह यादव ने अपने बाहुबलियों की सेना स्टेट गेस्ट हाउस में भेज दी थी जहां मायावती बसपा के विधायकों के साथ बैठक कर रहीं थी। गेस्ट हाउस पहुच कर मुलायम सिंह यादव की सेना ने आतंक मचाया, दरवाजे पीटे, बिजली-पानी तक काट दिया गया और अभ्रद्रता का स्तर इस कदर पार कर दिया गया कि जो कि उस वक्त मीडिया की सुर्खियां बन गया।
लेकिन मायावती टस से मस नहीं हुई जिसे काशीराम ने मायावती की जीत बताया। इसके बाद अगले दिन मायावती ने देश के सबसे बड़े सूबे की पहली दलित महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। हालांकि इस गठबंधन से कई पार्टियों को चूना भी लग गया है, भीम आर्मी मायावती की पार्टी बसपा में सेंध लगा सकती है तो वहीं शिवपाल यादव की नई पार्टी ‘प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया’ सपा की सीटों में सेंध लगा सकती है।
अखिलेश यादव एक युवा नेता हैं और उनकी पहचान के तौर पर उन्हें फिलहाल परिवार विरोधी भी कहा जाता है। पहले भी कई बार मुलायम सिंह और अखिलेश के बीच अनबन की खबरे सामने आ चुकी हैं। चाचा शिवपाल यादव से उनका झगड़ा जग जाहिर है, इसी विवाद के चलते शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी से अलग होकर अपनी नई पार्टी ‘प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया’ बनाई।
अब ये देखना दिलचस्प होगा कि अखिलेश यादव जिनकी छवि पारिवारिक रिश्तों को लेकर बेहद खराब है। उनका रिश्ता अपनी पार्टी के धुर विरोधी रह चुकी बसपा के साथ लंबी पारी खेल पाता है या नहीं। हालांकी दोनों पार्टिया अपने गठबंधन की मजबूती दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं।
15 जनवरी का दिन सपा और बसपा दोनों पार्टीयों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। क्योंकि इस दिन बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव का बर्थ डे है। इस दिन को खास बनाने के लिए दोनों पार्टी के कार्यकर्ता मिलकर तैयारी कर रहे हैं।