
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को बहुप्रतीक्षित शारदा कॉरिडोर परियोजना की विस्तृत समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि परियोजना के प्रत्येक चरण को समयबद्ध ढंग से पूरा किया जाए, क्योंकि यह सीमांत क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक विकास की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। परियोजना पर लगभग 3300 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे, जिससे करीब 200 वर्ग किलोमीटर का भू-भाग नए स्वरूप में विकसित होगा।
बैठक में बताया गया कि शारदा कॉरिडोर के तहत टनकपुर से लेकर चीन सीमा तक सड़क, पर्यटन, धार्मिक अवसंरचना और मूलभूत सुविधाओं को मजबूत किया जाएगा। इससे शारदा धाम को विश्वस्तरीय तीर्थस्थल के रूप में विकसित करने का रास्ता साफ होगा। साथ ही सीमांत गांवों में स्वास्थ्य, शिक्षा और संचार सुविधाओं को भी उन्नत किया जाएगा।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह परियोजना केवल अवसंरचना निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे सीमा पर निवास करने वाले लोगों के जीवन में स्थायी परिवर्तन आएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि स्थानीय परंपराओं, पर्यावरणीय संतुलन और सांस्कृतिक विरासत का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि सर्वेक्षण और डीपीआर के महत्वपूर्ण हिस्से पूरे कर लिए गए हैं। सड़क चौड़ीकरण के साथ-साथ धार्मिक व पर्यटन स्थलों को आपस में सहज संपर्क प्रदान करने की योजना तैयार है। सीमावर्ती क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे, जिससे पलायन को रोकने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शारदा कॉरिडोर से उत्तराखंड की सीमा सुरक्षा मजबूत होगी और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को भी नई गति मिलेगी। उन्होंने परियोजना को सरकार की प्राथमिकता बताते हुए सभी संबंधित विभागों को समन्वय के साथ काम करने के निर्देश दिए।













