नई दिल्ली के रोज़ेट हाउस, एरोसिटी में कैंडर टेकस्पेस संस्थान की तरफ से अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग के दिवस मनाने के लिए एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कैंडर टेकस्पेस भारत का एक विश्वसनीय ब्रांड है जो आईटी / आईटीईएस वर्कस्पेस समाधान प्रदान करता है जो बेहतर लैंडस्केपिंग डेकेयर सुविधाओं, सुविधा शॉपिंग सेंटर, फार्मेसी सेंटर, जिमनासियम जैसे सुविधाएं उपलब्ध कराता है।कैंडर टेकस्पेस द्वारा आयोजित कार्यक्रम में दिव्यागों का जीवन सुविधाजनक बनाने को लेकर चर्चा की गई। इस कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करने वाले दिव्यांगो के साथ ही तमाम बड़े कॉरपोरेट अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
इस कार्यक्रम की शुरुआत में ‘सस्टेनेबल एंड रेजिएंट सोसाइटी फॉर ऑल में परिवर्तन’ विषय पर एक पैनल चर्चा हुई। जिसमें वक्ताओं ने अपने जीवन की कुछ असाधारण कहानियां साझा करते हुए शारीरिक अक्षमता से जुड़ी रूढ़ियों को नकारने की जरुत पर विचार किया। इसके अलावा उन लोगों का भी उदाहरण दिया जिन्होंने फिजिकली चैलेंज्ड होते हुए भी अपने जीवन में खई बड़ी उपलब्धियां की।पैनलिस्टों में से एक सामान्य श्रेणी में सिविल सेवा परीक्षा में टॉप करने वाली पहली दिव्यांग महिला ईरा सिंघल थी। ईरा सिंघल भारतीय राजस्व सेवाओं में शामिल होने वाली पहली दिव्यांग महिला भी हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रसिद्ध टेबल टेनिस खिलाड़ी सुवर्ण राज ने भी कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। सुवर्ण राज ने वर्ष 2014 में कोरिया में आयोजित एशियाई पैरा खेलों में भाग लिया और थाईलैंड पैरा टेबल टेनिस ओपन 2013 में दो पदक जीते भी जीते हैं। इसके अलवा संयुक्त राष्ट्र में विकलांगता अधिकार विशेषज्ञ दोरोदी शर्मा,निप्पमान फाउंडेशन (दिव्यांग लोगों के लिए स्वास्थ्य और वकालत के लिए एक फाउंडेशन) के सह-संस्थापक और सीईओ निपुन मल्होत्रा और श्री विट्टलकुमार ए धेज,वाइस प्रसिडेंट , सस्टेनेबिलिटी, एक्सेंचर वर्कप्लेस सोल्यूशन ने भी कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।कार्यक्रम में बोलते हुए ब्रुकफील्डके वाइस प्रसिडेन्ट श्री शांतनु चक्रवर्ती ने कहा, “कैंडर टेकस्पेस में, हमने निरंतरता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम किया है। हम दृढ़ता से मानते हैं कि अलग-अलग लोगों के पास अपनी शारीरिक बाधाओं के बावजूद किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने की क्षमता है। ये कार्यक्रम अलग-अलग व्यक्तियों का समर्थन करने और विभिन्न डोमेनों में उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों का जश्न मनाने के हमारे कई प्रयासों में से एक है।”
सुश्री ईरा सिंघल ने पैनल चर्चा के दौरान कहा, “मुझे विश्वास है कि अक्षमता भौतिक नहीं, मानसिक स्थिति है। जब हम दिव्यांग लोगों के लिए समान अवसरों की बात करते हैं, तो हमें अपने आस-पास के पर्यावरण और बुनियादी ढांचे पर विचार करने की भी आवश्यकता होती है, जो कि अधिकांश भाग के लिए अक्षम-अनुकूल नहीं है और उन्हें बहुत अधिक प्रतिबंधित करता है। हमारे पास अपनी शारीरिक विशेषताओं के आधार पर लोगों की क्षमताओं का न्याय करने की आदत है, और यह एक आदत है जिसे हमें जल्द ही छुटकारा पाने की आवश्यकता है।”अपने अनुभवों पर बोलते हुए सुश्री सुवर्णा राज ने कहा, “दिव्यांगजनों के लिए सम्मानित जीवन और अवसर सुनिश्चित करने के लिए भौतिक आधारभूत संरचना में सुलभता अत्यंत महत्वपूर्ण है। मेरा मानना है कि सरकार, साथ ही बुनियादी ढांचे को वितरित करने के लिए जिम्मेदार लोगों को बुनियादी सुविधाओं से संबंधित बड़े निर्णय लेने के दौरान अपने अनुभवों को सुनकर अलग-अलग व्यक्तियों के दृष्टिकोण को शामिल करने और अपने हितों को ध्यान में रखने की आवश्यकता है।”
अलग-अलग लोगों की असाधारण क्षमताओं का जश्न मनाने के लिए, पैनल चर्चा के बाद “वी आर वन” ग्रुप के दिव्यांग कलाकारों ने अविश्वनीय और अद्भुत प्रस्तुतियां दीं। इस ग्रुप के नाम “गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड” में भी शामिल है।