डायबिटीज के मरीज पी सकते हैं गन्ने का जूस? जानें क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ और क्या बरतनी चाहिए सावधानियां

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गर्मियों के मौसम में गन्ने का जूस न केवल ताजगी और राहत देता है, बल्कि यह शरीर को तुरंत ऊर्जा भी प्रदान करता है। पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम और आयरन जैसे आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर गन्ने का रस शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाता है और थकावट को दूर करता है। हालांकि, जब बात डायबिटीज के मरीजों की आती है, तो सवाल उठता है — क्या वे गन्ने का जूस पी सकते हैं?

इस सवाल का जवाब सीधा नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो डायबिटीज के मरीज कुछ सावधानियों के साथ गन्ने के जूस का सीमित मात्रा में सेवन कर सकते हैं।

गन्ने के रस में प्राकृतिक रूप से शर्करा की मात्रा अधिक होती है, जिससे यह ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ा सकता है। यही वजह है कि मधुमेह के रोगियों को इसके सेवन में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

यदि किसी व्यक्ति की डायबिटीज नियंत्रित है, वह नियमित दवा ले रहा है और व्यायाम भी कर रहा है, तो वह गर्मी के मौसम में कभी-कभी कम मात्रा में गन्ने के जूस का सेवन कर सकता है। लेकिन यह फैसला लेने से पहले उसे अपने डॉक्टर या डाइट विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लेनी चाहिए।

डायबिटीज के मरीजों के लिए गन्ने का जूस पीते समय ध्यान देने योग्य बातें


ताजा और स्वच्छ जूस का ही सेवन करें


सड़क किनारे या गंदे स्थानों पर बिकने वाला जूस स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। हमेशा साफ-सुथरे और हाइजीनिक स्थान से ही जूस लें।

जूस में नींबू, पुदीना और थोड़ा नमक मिलाएं


इससे न केवल स्वाद बढ़ता है, बल्कि शरीर को इलेक्ट्रोलाइट्स भी मिलते हैं और पाचन तंत्र बेहतर रहता है।

मात्रा का रखें ध्यान


अधिक मात्रा में गन्ने का रस पीने से ब्लड शुगर का स्तर असामान्य रूप से बढ़ सकता है। इसलिए इसे कभी भी रोज़ाना या अधिक मात्रा में न पिएं।

ब्लड शुगर लेवल की निगरानी रखें

अगर आप गन्ने का जूस पी रहे हैं, तो उसके बाद कुछ घंटों तक अपने ब्लड शुगर लेवल पर ध्यान दें।

पेट की समस्याओं से बचें

अधिक मात्रा में गन्ने का जूस पीने से कुछ लोगों को गैस, अपच या दस्त की समस्या हो सकती है।

डायबिटीज से पीड़ित लोग गन्ने के जूस का सेवन पूरी तरह बंद नहीं करना चाहते, तो उन्हें इसे बहुत कम मात्रा में और डॉक्टर की सलाह के बाद ही लेना चाहिए। यह जरूरी है कि स्वाद के पीछे स्वास्थ्य से समझौता न किया जाए। जूस पीना तभी फायदेमंद है जब वह शरीर के लिए नुकसानदेह न बने।