देश को झकझोर देने वाले बेहमई सामूहिक हत्याकांड मामले में अदालत का फैसला एक बार फिर टल गया है और अब इस पर 26 फरवरी को निर्णय सुनाए जाने की संभावना है। जिला शासकीय अभियोजन अधिकारी राजू पोरवाल ने शुक्रवार को बताया कि बेहमई कांड मामले में निर्णय सुनाने की तारीख केस डायरी मौजूद नहीं होने की वजह से शुक्रवार को फिर तय नहीं हो पाई।
उन्होंने बताया कि अदालत ने इस मामले को 26 फरवरी के लिए सूचीबद्ध किया और पुलिस को उस तारीख को केस डायरी अदालत में पेश करने का सख्त निर्देश दिया। पोरवाल ने बताया कि अदालत ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह फैसला सुनाने के लिए मामले को सूचीबद्ध करने से पहले गायब हुई केस डायरी से संबंधित दलीलें सुनेगी।
उन्होंने बताया कि कानपुर देहात के पुलिस अधीक्षक ने विशेष न्यायाधीश (दस्यु प्रभावित क्षेत्र) को पत्र लिखकर केस डायरी पेश करने के लिए कुछ और समय देने का आग्रह किया है। उनकी इस गुजारिश को मानते हुए विशेष अदालत ने केस डायरी ढूंढने के लिए पुलिस को दो हफ्ते का समय दिया है। साथ ही उसे इसे 26 फरवरी से पहले अदालत में पेश करने को कहा है।
इससे पहले गत 18 जनवरी को विशेष न्यायाधीश सुधीर कुमार ने अदालत के कर्मियों को असली केस डायरी पेश नहीं करने के लिए फटकार लगाई थी। मालूम हो कि कानपुर देहात के बेहमई गांव में 14 फरवरी 1981 को फूलन देवी और उसके साथियों ने ठाकुर बिरादरी के 20 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले की मुख्य आरोपी फूलन देवी की वर्ष 2001 में हत्या कर दी गई थी। अदालत इस मामले के चार आरोपियों पोषा, भीखा, विश्वनाथ और श्याम बाबू की किस्मत का निर्णय करेगी।