अंकिता भंडारी हत्याकांड के दोषियों को उम्रकैद, परिजनों ने उठाई फांसी की मांग

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बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में न्यायालय ने गुरुवार को तीनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) रीना नेगी की अदालत ने माना कि यह हत्या पूर्व नियोजित और सोच-समझकर की गई थी। सजा सुनते ही कोर्ट परिसर में सन्नाटा पसर गया और पीड़िता के परिजन फूट-फूटकर रोने लगे।

पीड़िता की मां, सोनी देवी, इस फैसले से संतुष्ट नहीं दिखीं। अदालत से बाहर आते ही वे लड़खड़ाते कदमों से सड़क पर बैठ गईं और आंसुओं के साथ बोलीं, “मेरी बेटी को मार डाला, अब इन हत्यारों को फांसी क्यों नहीं दी गई? अगर आज इन्हें फांसी मिलती तो मेरी बेटी की आत्मा को भी शांति मिलती। अब ये लड़ाई और बड़ी हो गई है, हम हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।”

अंकिता के पिता, बीरेंद्र सिंह, ने भी आक्रोश जताते हुए कहा, “जिस तरह से मेरी बेटी को मारा गया, उसकी भरपाई मौत से ही हो सकती है। हम हाईकोर्ट जाएंगे और दोषियों को फांसी की सजा दिलाकर रहेंगे। हमें अपने जीते जी इंसाफ चाहिए।”

अभियोजन के अनुसार, अंकिता एक रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में कार्यरत थी। आरोपियों ने उस पर अनैतिक कार्य करने का दबाव डाला और जब उसने इसका विरोध किया, तो उसे घुमाने के बहाने ऋषिकेश के पास ले जाकर हत्या कर दी गई। छह दिन बाद उसका शव चीला नहर से बरामद हुआ।

सोनी देवी ने उत्तराखंड की जनता और मीडिया का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “आप लोगों ने हमारी आवाज को बुलंद किया है, लेकिन लड़ाई अभी बाकी है। हमें फांसी चाहिए, ताकि कोई और बेटी इस तरह की दरिंदगी का शिकार न बने।”