अलोक वर्मा के वकीलों का सवाल, PM के साथ क्यों हुए जस्टिस सीकरी?

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  देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) में चल रहा विवाद अभी पूरी तरह से सुलझा नहीं है। CBI के अफसरों की लड़ाई अब वह दूसरा रूप ले चुकी है। आलोक वर्मा को निदेशक पद से हटाने के लिए सेलेक्शन कमेटी में शामिल रहे।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ए.के. सीकरी का राष्ट्रमंडल सचिवालय पंचाट न्यायाधिकरण (CSAT) में नॉमिनेट करने को लेकर मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर है। इस नॉमिनेशन पर जैसे ही विवाद हुआ तो जस्टिस ए.के. सीकरी ने भी पद लेने से इनकार कर दिया।

अलोक वर्मा केस जर्स्टिस ए.के. सीकरी ने मोदी सरकार द्वारा उन्हें लंदन में दी गई CSAT की नौकरी को ठुकरा दिया है। हालांकि, आलोक वर्मा मामले को लेकर कई विपक्षी नेता और वरिष्ठ वकीलों ने सेलेक्शन कमेटी पर सवाल खड़े कर दिए।

हालांकि समाचार एजेंसी IANS के अनुसार, ये नामांकन की ये प्रक्रिया बीते साल दिसंबर में ही पूरी हो गई थी और तब जस्टिस सीकरी ने इस नामांकन को स्वीकार भी लिया था। लेकिन जैसे ही इस मुद्दे पर विवाद हुआ तो उन्होंने अपना नाम वापस लेने का मन बनाया।

सरकार द्वारा उनका नाम नामांकित होने पर विपक्ष के कई नेता और देश के कई वरिष्ठ वकीलों नेही सवाल खड़े कर दिए हैं। वरिष्ठ वकील और एनसीपी नेता माजिद मेमन ने ट्वीट कर कहा कि आलोक वर्मा केस को सेलेक्शन कमेटी ने जिस तरह संभाला और बाद में जस्टिस सीकरी ने मोदी सरकार का ऑफर ठुकरा दिया। इतना ही आलोक वर्मा को न्याय से वंचित रखने का पर्याप्त सबूत है।

अब सवाल ये है कि जस्टिस सीकरी सेलेक्शन कमेटी में शामिल मल्लिकार्जुन खड़गे के रुख से अलग क्यों हुए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ क्यों गए।

दूसरी ओर, वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने भी ट्वीट किया कि सेलेक्शन कमेटी के निर्णय को वापस लेना चाहिए, जस्टिस सीकरी को लंदन वाली नौकरी कबूल करनी चाहिए या फिर प्रधानमंत्री के साथ वाली कमेटी में शामिल होना चाहिए, वह दोनों चीजें नहीं ले सकते हैं।

गौरतलब है कि जस्टिस सीकरी नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली उस तीन सदस्यीय समिति का हिस्सा थे, इसमे  वीरवार को ही CBI प्रमुख वर्मा को उनके पद से हटाने का निर्णय लिया था। PM modi जस्टिस सीकरी ने alok verma को हटाने के पक्ष में वोट दिया जबकि समिति के तीसरे सदस्य लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी ने वर्मा को हटाए के लिए वोट दिया था।