उत्तराखंड पंचायत चुनाव में आपदा से निपटने को तैयार प्रशासन, जरूरत पड़ी तो हेलिकॉप्टर से भेजी जाएंगी पोलिंग पार्टियां

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उत्तराखंड में आगामी पंचायत चुनावों के दौरान मानसून की चुनौती से निपटने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग और प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर आपदा राहत के लिए दो हेलिकॉप्टर स्टैंडबाय पर रखे गए हैं, जिन्हें चुनाव में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

प्रदेश में 24 जुलाई और 28 जुलाई को दो चरणों में पंचायत चुनाव होने हैं। लेकिन इन दिनों मानसून सक्रिय है, जिससे राज्य के कई क्षेत्रों में भूस्खलन, सड़क बंद होने और आवागमन बाधित होने की घटनाएं सामने आई हैं। इसी को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलाधिकारियों से आपदा प्रबंधन की विस्तृत कार्ययोजना मांगी है।

राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने बताया कि चुनाव के दौरान किसी प्रकार की आपदा की स्थिति से निपटने के लिए आयोग पूरी तैयारी में है। उन्होंने कहा, अगर किसी क्षेत्र में सड़कें टूटी हों या कोई विशेष परिस्थिति उत्पन्न हो जाए, तो जरूरत पड़ने पर हेलिकॉप्टर की मदद से पोलिंग पार्टियों को गंतव्य तक पहुंचाया जाएगा।

आयुक्त ने यह भी जानकारी दी कि 7 जुलाई को सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से एक बैठक की जाएगी। इसमें सभी डीएम अपनी योजनाएं, आवश्यक संसाधन और स्थानीय समस्याएं आयोग के समक्ष रखेंगे। इन्हीं जानकारियों के आधार पर आपदा प्रबंधन विभाग को आवश्यक जानकारी दी जाएगी।

इस बीच आपदा प्रबंधन विभाग ने पहले ही मुख्यमंत्री के निर्देश पर दो हेलिकॉप्टरों को आपात स्थिति के लिए तैयार रखा है, जो जरूरत पड़ने पर तत्काल राहत कार्यों और चुनावी कार्यों में उपयोग किए जा सकते हैं।

राज्य निर्वाचन आयोग मौसम विभाग से लगातार संपर्क में है, ताकि समय पर अपडेट मिल सके और किसी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके। इस पूरी योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण, सुरक्षित और व्यवस्थित रूप से संपन्न हो सकें, चाहे मौसम की चुनौतियां कितनी भी गंभीर क्यों न हों। उत्तराखंड के दुर्गम और संवेदनशील क्षेत्रों में यह निर्णय खासतौर पर अहम माना जा रहा है, जहां बारिश के कारण भौगोलिक बाधाएं आमतौर पर मतदान प्रक्रिया को प्रभावित करती हैं।